नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में नया इनकम टैक्स बिल (2025) पेश किया। इस बिल का उद्देश्य 1961 के इनकम टैक्स एक्ट की जटिल भाषा को सरल बनाना और इसे अधिक व्यावहारिक बनाना है।
हालांकि, जैसे ही वित्त मंत्री ने बिल पेश किया, विपक्षी दलों ने विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट किया और तीखे सवाल दागे। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने इस बिल को पुरानी व्यवस्था से अधिक जटिल बताया, जबकि टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने इसे “यांत्रिक” करार दिया।
वित्त मंत्री सीतारमण ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस बिल में कई बड़े सुधार किए गए हैं। उनका दावा है कि वर्तमान टैक्स कानून में 819 सेक्शन थे, जबकि नए बिल में केवल 536 सेक्शन हैं।
इस दौरान, वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह बिल पांच मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है, जिससे इसे करदाताओं और प्रशासन के लिए “S.I.M.P.L.E” बनाया गया है।
क्या है ‘S.I.M.P.L.E’ मॉडल?
नए इनकम टैक्स बिल में पांच अहम सिद्धांत शामिल किए गए हैं:
नए इनकम टैक्स बिल में क्या बदलेगा?
✔️ ‘टैक्स ईयर‘ की नई परिभाषा:
पहले “फाइनेंशियल ईयर” (FY) और “अकाउंटिंग ईयर” (AY) का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। अब नया बिल ‘टैक्स ईयर‘ की अवधारणा लाएगा, जिससे उसी वर्ष में टैक्स भरने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
✔️ बेकार और अप्रासंगिक प्रावधान हटाए गए:
नए बिल में ‘फ्रिंज बेनिफिट टैक्स‘ जैसे पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटा दिया गया है।
✔️ टीडीएस और वेतनमान से जुड़े प्रावधान:
नए बिल में टीडीएस (Tax Deducted at Source), सैलरी स्ट्रक्चर और डिडक्शन (छूट) को लेकर स्पष्ट टेबल्स जोड़े गए हैं, ताकि करदाताओं को आसानी हो।
✔️ न्यायिक विवाद कम करने की कोशिश:
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 60 वर्षों में जो विवादित और अस्पष्ट प्रावधान बने हुए थे, उन्हें नए बिल में समाप्त किया गया है। इससे करदाताओं और सरकार के बीच कानूनी मामलों की संख्या कम होगी।
क्या नहीं बदलेगा?
❌ कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं:
नए इनकम टैक्स बिल में मौजूदा टैक्स स्लैब को जस का तस रखा गया है।
❌ न्यायालयों द्वारा परिभाषित प्रमुख शब्द और अवधारणाएं:
कोर्ट के फैसलों में जो प्रमुख टैक्स शब्दों और उनकी व्याख्याओं को अपनाया गया था, उन्हें नए बिल में भी बरकरार रखा गया है।
संशोधन की प्रक्रिया और आगे का रास्ता
नए बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया है, जो इस पर चर्चा करेगी और आवश्यक बदलावों का सुझाव देगी। यह समिति 10 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके बाद संसद में इसे अंतिम रूप से पारित किया जाएगा।
केंद्रीय बजट 2025 और नए इनकम टैक्स प्रस्ताव
वित्त मंत्री सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 के बजट भाषण में तीन बड़े टैक्स सुधारों की घोषणा की थी:
राजनीतिक असर और विपक्ष की प्रतिक्रिया
भाजपा के अनुसार, यह कर सुधार मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने इस फैसले की सराहना की है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत में इस टैक्स सुधार की भी अहम भूमिका रही।
विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस और टीएमसी ने इस बिल को ‘पारदर्शिता की कमी‘ और ‘अधिक जटिलता‘ का आरोप लगाते हुए विरोध किया। हालांकि, सरकार ने दावा किया कि यह बिल करदाताओं के लिए ज्यादा आसान और व्यावहारिक होगा।
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