लहसुन (Garlic) तो लोगों को रुला ही रहा है, अब प्याज (Onion) भी आंसू निकालेगा। दरअसल प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध (Export Ban Lifted) हटाने के बाद महाराष्ट्र के नासिक (Nashik, Maharashtra) जिले के लासलगांव मंडी (Lasalgaon Mandi) में इसकी कीमतें औसतन 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गईं। खुदरा में प्याज की कीमत 30 से 35 रुपये प्रति किलोग्राम है। लासलगांव में कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) को भारत में सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी कहा जाता है।
सरकार ने एक दिन पहले ही हटाया है निर्यात पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने एक दिन पहले लोकसभा चुनावों के बीच प्याज के निर्यात पर लागू प्रतिबंध को हटा दिया, लेकिन 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) निर्धारित किया है। इससे पहले सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाया था। इसके बाद थोक मंडी में प्याज की औसत कीमतों में लगभग 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। सरकार के इस फैसले से किसानों को फायदा तो होगा, लेकिन वास्तविक प्रभाव सोमवार को तब पता चलेगा जब बाजार फिर से खुलेगा।
200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़े प्याज के दाम
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में कृषि उत्पादन बाजार समिति के अध्यक्ष ने बताया कि बाजार में प्याज की कीमत में कुछ बढ़ोतरी हुई है। कारोबार के दौरान इसकी कीमत लगभग 200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा है। गुणवत्ता के आधार पर प्याज की कीमतें 801 रुपये, 2,551 रुपये और 2,100 रुपये प्रति क्विंटल के बीच थीं। कारोबारियों का कहना है कि प्याज के निर्यात पर लागू प्रतिबंध हटाना एक अच्छा निर्णय है, लेकिन इसे कम से कम एक साल तक लागू रहना चाहिए।
न्यूनतम निर्यात मूल्य 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन तय
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने जारी एक अधिसूचना में बताया कि प्याज के निर्यात पर लागू प्रतिबंध को हटाया जा रहा है। अधिसूचना के मताबिक प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन होगा। वहीं, प्याज का निर्यात कम से कम एक हजार किलो होना जरूरी है, जो अगले आदेश तक मान्य रहेगा। इससे पहले सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए इसके निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा की थी। सरकार ने अगस्त, 2023 में प्याज के निर्यात पर आंशिक रोक लगाते हुए 31 दिसंबर, 2023 तक इसके निर्यात पर 40 फीसदी का शुल्क लगाया था। सकार ने इसे 8 दिसंबर, 2023 को 31 मार्च 2024 तक के लिया निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे मार्च में अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया था। महाराष्ट्र में किसानों ने प्रतिबंध का विरोध किया था। सरकार का यह कदम महाराष्ट्र के व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि यहां प्याज की फसल का एक बड़ा हिस्सा होता है।