ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश जाने वाले सर्वदलीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहीं भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि भारत का वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधित्व करना सौभाग्य की बात थी। हम अशांति में विश्वास नहीं करते – हम विकास के पक्ष में हैं और आतंकवाद के खिलाफ हैं। हमारी एकता की दुनिया भर में सराहना हुई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अपराजिता सारंगी ने ही की। इसका समन्वय वीर अब्दुल हमीद विचार मंच के सह-संयोजक गोविंदा मिश्रा ने किया।
मिश्रा ने सत्र की शुरुआत करते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंदूर भारत की बहादुरी और एकता की कहानी है। इस काार्यक्रम के माध्यम से हम सच्चाई को साझा करना चाहते हैं, अपने सैनिकों को सलाम करना चाहते हैं और दिखाना चाहते हैं कि कैसे भारत झूठे प्रचार के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहा। यह हर भारतीय को गर्व और उद्देश्य के साथ एकजुट होने के बारे में है।” दर्शकों का स्वागत करते हुए, वीर अब्दुल हमीद विचार मंच के संयोजक सैयद अहसान अख्तर ने भावुक शुरुआत करते हुए कहा, “यह कोई साधारण सभा नहीं है – यह एक भावना, एक प्रतिक्रिया और एक आह्वान है। भारत अब मूक दर्शक नहीं है; हम न्याय और जिम्मेदारी की आवाज हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक नैतिक, मानवीय और रणनीतिक प्रतिक्रिया थी – हमारे गणमान्य लोगों ने दुनिया को भारत का असली चेहरा दिखाया।” मुख्य भाषण भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने दिया, जिन्होंने भावुकता से कहा, “देश की सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री या सेना का कर्तव्य नहीं है – यह हमारा भी कर्तव्य है। हमें एकजुट, सतर्क और आत्मनिर्भर रहना चाहिए। हम गुलाम नहीं हैं; हम संप्रभु लोग हैं।”
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. गुरु प्रकाश पासवान ने इस भावना को दोहराया कि आतंकवाद की कार्रवाई युद्ध की कार्रवाई है। हम हर शहीद को न्याय देने और उनके बलिदान का समान रूप से सम्मान करने के लिए बाध्य हैं।” इंडिया हैबिटेट सेंटर के निदेशक और आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक प्रो. के.जी. सुरेश ने कहा कि भारत के नायक विदेशी आक्रमणकारी नहीं हैं। हमारे नायक वीर अब्दुल हमीद, डॉ. कलाम और अनगिनत अन्य हैं। शांति हमारा लक्ष्य है – लेकिन अगर उकसाया गया, तो हम कभी पीछे नहीं हटेंगे।” आमंत्रित अतिथि वक्ता, संडे इंडियन के संपादक अभिनंदन मिश्रा ने देश की भावना को सही ढंग से अभिव्यक्त किया। उन्होंने कहा “हमने अपने दुश्मनों के दिलों में अज्ञात का डर पैदा कर दिया है। भारत अब सिर्फ सीमाओं में ही नहीं, बल्कि उनके अंदरूनी हिस्सों में भी प्रवेश कर रहा है।”
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