Parliament Monsoon Session : संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) की शुरुआत 22 जुलाई सोमवार यानी आज से हुई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बाहर देश को संबोधित किया। उन्होंने नाम लिए बिना कांग्रेस और राहुल गांधी पर सदन में हंगामा करने के लिए जमकर निशाना साधा।
मोदी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री का गला घोंटा गया, आवाज दबाने की कोशिश की गई। पीएम मोदी ने ये भी कहा, “आज संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है। देश बहुत बारीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक, सृजनात्मक और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नींव रखने वाला हो। करीब 60 साल बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई है और तीसरी पारी का पहला बजट रखने जा रही है।”
Sharing my thoughts at the start of the Budget Session of Parliament.https://t.co/doTLz9NDeD
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2024
विकसित भारत की नींव रखेगा बजट
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “ये बजट सत्र है। मैं देशवासियों को जो गारंटी देता रहा हूं। उनको जमीन पर उतारना, इस लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। ये बजट अमृत काल का एक महत्वपूर्ण बजट है। हमें 5 साल का जो अवसर मिला है , आज का बजट हमारी उस दायरे की दिशा तय करेगा। ये बजट 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे, तब विकसित भारत का जो हमारा सपना है, उसे पूरा करने के लिए मजबूत नींव वाला होगा।”
जनवरी से अब तक जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली, अब 4.5 साल देश के लिए लड़ना है
उन्होंने कहा, “मैं देश के सभी सांसदों से चाहे किसी भी दल से हों, आग्रह पूर्वक कहना चाहता हूं कि पिछले जनवरी से हमारे पास जितना सामर्थ्य था, उतनी लड़ाई लड़ ली। जनता को जो बात बतानी थी, बता दी। किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया, किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया। अब वो दौर खत्म हुआ। देशवासियों ने अपना निर्णय दे दिया। अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है कि हमें दल के लिए जितनी लड़ाई लड़नी थी, लड़ ली। अब आने वाले 5 साल के लिए देश के लिए लड़ना है। मैं सभी राजनीति दलों से कहूंगा कि आइए हम आने वाले 4.5 साल दल से ऊपर उठकर सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद की इस गरिमापूर्ण मंच का उपयोग करें।”
प्रधानमंत्री का गला घोंटने का लोकतंत्र में स्थान नहीं
नरेंद्र मोदी ने कहा, “जनवरी 2029, जब चुनाव का वक्त होगा, आप उसके बाद जाइए मैदान में, सदन का उपयोग करना है कर लीजिए। वो छह महीने जो खेल खेलना है खेल लीजिए, लेकिन तब तक सिर्फ और सिर्फ देश, देश के गरीब, देश के किसान, देश के युवा, देश की महिलाओं के सामर्थ्य के लिए काम करें।”

उन्होंने कहा, “मुझे आज बहुत दुख के साथ कहना है कि 2014 के बाद कई सांसद 5 साल के लिए आए, कुछ सांसदों को 10 साल के लिए मौका मिला। बहुत से सांसद ऐसे थे जिन्हें अपने क्षेत्र के बारे में बात करने का अवसर नहीं मिला। अपने विचारों से संसद को समृद्ध करने का अवसर नहीं मिला, क्योंकि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने देश की संसद के समय का अपनी राजनीतिक विफलताओं को कवर करने के लिए दुरुपयोग किया।”
पीएम ने कहा, “चुनाव के बाद संसद का पहले सत्र हुआ। 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का हुक्म दिया, उसकी आवाज कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ है। ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने, उनकी आवाज रोकने, उनकी आवाज दबाने की कोशिश हुई। इसका लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता। इसका कोई पश्चाताप तक नहीं है। दिल में दर्द तक नहीं है।”
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