पीएम नरेंद्र मोदी ने दुधपुरा हवाई अड्डा मैदान से एनडीए की पहली बड़ी चुनावी रैली को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त रूप से सुशासन, विकास और ‘जंगलराज’ पर हमला बोलने पर जोर दिया. सभा में उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने सामाजिक न्याय और समान अवसरों की जो राह दिखाई थी, वही आज देश की प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि आज का बिहार बदल चुका है — “यह वह बिहार नहीं है जो कभी अंधेरे और असुरक्षा का प्रतीक था। अब हर हाथ में रोशनी है, विकास है और विश्वास है।” प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनके शासन में बिहार अंधकार में डूबा था, वे आज फिर लालटेन जलाने की बात कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान एक अनोखा नजारा देखने को मिला जब उन्होंने लोगों से अपने मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाने को कहा। पूरा मैदान रोशनी से नहा उठा। प्रधानमंत्री ने मुस्कराते हुए कहा, “जब हर हाथ में लाइट है तो लालटेन की जरूरत किसे है?” यह वाक्य सभा का सबसे प्रतीकात्मक क्षण बन गया।
मोदी ने कहा कि बिहार ने पिछली एक दशक में विकास की दिशा में लंबी यात्रा तय की है और यह सफर अब रुकने वाला नहीं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे जाति और परिवारवाद की राजनीति से ऊपर उठकर सुशासन और स्थिरता के लिए वोट करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार ने गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं और उनका लाभ सीधे जनता तक पहुंचा है।
इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य एनडीए सहयोगी दलों के नेता भी मंच पर मौजूद रहे। सभा में भारी भीड़ उमड़ी और मिथिलांचल के विभिन्न जिलों से लोग जुटे। मोदी की यह रैली न सिर्फ चुनाव अभियान की औपचारिक शुरुआत थी, बल्कि इसे बिहार में एनडीए के सामाजिक और राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
कर्पूरी ठाकुर के गांव से शुरू हुआ यह अभियान राजनीतिक रूप से भी प्रतीकात्मक माना जा रहा है। जननायक के प्रति सम्मान जताकर प्रधानमंत्री ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि केंद्र सरकार सामाजिक न्याय और विकास दोनों को साथ लेकर चलना चाहती है।
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