बिजली मंत्रालय (Ministry of Power) के आंकड़ों के मुताबिक, तापमान के ऊंचे स्तर और एयर कंडीशनरों (Ac) और कूलरों जैसे कूलिंग एंप्लायंसेज (Cooling appliances) के अत्यधिक इस्तेमाल की वजह से भारत की पीक पावर (Peak power) मांग गुरुवार को 236.59 गीगावाट (GW) की नई ऊंचाई पर पहुंच गई जबकि पीक पावर सप्लाई बुधवार को 235.06 गीगावाट(GW) दर्ज की गई थी।
टूट सकता है पिछला रिकॉर्ड
गौरतलब है कि देश में बिजली (Power) की पीक मांग अब तक सितंबर 2023 में 243.27 गीगावाट (GW) की सर्वकालिक ऊंचाई पर दर्ज की गई थी और इसके पूरे आसार दिख रहे हैं कि इस साल गर्मी का यह सितम इस रिकॉर्ड को भी तोड़ डालेगा।
मई की शुरुआत में बिजली मंत्रालय (Ministry of Power)ने इस महीने के लिए दिन के दौरान अधिकतम 235 गीगावाट (GW) की पीक पावर डिमांड (Peak power demand) और शाम के समय अधिकतम 225 गीगावाट (GW) की पीक पावर डिमांड का अनुमान लगाया था। यही नहीं, जून 2024 के लिए बिजली मंत्रालय का अनुमान दिन के दौरान अधिकतम 240 गीगावाट (GW) की पीक पावर डिमांड और शाम के समय अधिकतम 235 गीगावाट (GW) की पीक पावर डिमांड रहने का था।
बिजली की मांग पहुंच सकती है 260 गीगावाट तक
पीक पावर डिमांड के 260 गीगावाट (GW)की सर्वकालिक ऊंचाई को भी छूने का अंदेशा है | हालांकि बिजली मंत्रालय को इस बात का भी अंदेशा बना हुआ है कि इन गर्मियों के मौसम के दौरान पीक पावर डिमांड 260 गीगावाट (GW)की सर्वकालिक ऊंचाई को भी छू सकती है। इस साल गर्मी ने मौसम की शुरुआत से ही अपने रंग दिखाने शुरु कर दिए थे , जब अप्रैल 2024 में ही पीक पावर मांग 224.18 गीगावाट (GW)पर पहुंच गई थी। मार्च 2024 में पीक पावर मांग 221.82 गीगावाट(GW), फरवरी 2024 में पीक पावर मांग 222.16 गीगावाट(GW) और जनवरी 2024 में पीक पावर मांग 223.51 गीगावाट(GW) दर्ज की गई थी।
मौसम विभाग को था इसका आभास
भारत के मौसम विभाग ( आईएमडी ) को इसका बखूबी आभास था कि इस साल गर्मी अपने प्रचंड रूप में रहेगी क्योंकि मार्च में इसे अंदेशा हो गया था कि अल नीनो (El Nino) स्थिति का प्रभाव इस वर्ष मई तक जारी रहने की आशंका है और इसकी वजह से गर्मी अपनी इंतहा पर होगी।
आम तौर पर देश के ज्यादातर हिस्सों में मार्च से मई तक गर्मी और लू की स्थिति सामान्य से अधिक बनी रहती है जबकि उत्तर पूर्व (North East), पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र (Western Himalayan Region), दक्षिण-पश्चिमी पठारी क्षेत्र (Southwestern hill region) और पश्चिमी तट (Western Coast) जैसे कुछ क्षेत्र अपेक्षाकृत सामान्य बने रहते हैं।