नई दिल्ली:पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए स्मारक स्थल चयन को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय की जानकारी प्रणब मुखर्जी की बेटी और पूर्व कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दी।
शर्मिष्ठा ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनके इस फैसले के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में बताया कि स्मारक ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ पर बनाया जाएगा, जो राजघाट में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों के लिए नामित स्मारक परिसर है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी की प्रतिक्रिया
शर्मिष्ठा ने लिखा, “आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात कर दिल से धन्यवाद और आभार व्यक्त किया। यह निर्णय हमारे परिवार के लिए और खास है क्योंकि हमने इसकी मांग नहीं की थी। प्रधानमंत्री जी के इस उदार कदम से मैं गहराई से प्रभावित हूं।”
उन्होंने आगे लिखा, “बाबा हमेशा कहते थे कि राज्य सम्मान मांगा नहीं जाना चाहिए, यह दिया जाना चाहिए। मैं बेहद आभारी हूं कि प्रधानमंत्री ने यह कदम उठाया। यह मेरे पिता के लिए नहीं, बल्कि उनके परिवार के लिए बड़ा सम्मान है।
मनमोहन सिंह स्मारक को लेकर विवाद
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार स्थल और स्मारक के स्थान को लेकर राजनीति गरमा गई थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के लिए ऐसा स्थान निर्धारित करने की मांग की थी, जहां बाद में उनका स्मारक बनाया जा सके।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर नि साशानाधते हुए कहा था कि सरकार डॉ. मनमोहन सिंह के लिए उचित स्मारक स्थल तय करने में असफल रही है। उन्होंने इसे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान बताया।
भाजपा का पलटवार
भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल (2004-2014) के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के लिए स्मारक बनाने की परवाह नहीं की। भाजपा प्रवक्ता सीआर केशवन ने कहा, “यह केवल प्रधानमंत्री मोदी थे जिन्होंने 2015 में नरसिम्हा राव जी के लिए स्मारक की घोषणा की और 2024 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया।
गृह मंत्रालय की सफाई
इस विवाद के बीच गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि डॉ. मनमोहन सिंह के लिए उचित स्मारक स्थल का चयन किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ समेत अन्य स्थानों पर विचार किया जा रहा है और सरकार उनके परिवार से संपर्क में है।
शर्मिष्ठा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
शर्मिष्ठा ने कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनके पिता के निधन के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की शोक सभा तक आयोजित नहीं की गई। उन्होंने कहा, “जब बाबा का निधन हुआ, कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक तक नहीं बुलाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि ऐसा राष्ट्रपति के लिए नहीं किया जाता, लेकिन मैंने बाद में बाबा की डायरियों से जाना कि केआर नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी बुलाई गई थी और शोक संदेश बाबा ने ही लिखा था।
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