Wayanad Landslide updates: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ गुरुवार को केरल के वायनाड (Wayanad) पहुंचे हैं। वायनाड में भूस्खलन की वजह से भारी तबाही हुई है। लैंडस्लाइड से चार गांव बह गए हैं। 256 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर दोनों नेताओं ने पीड़ित लोगों से बातचीत की और उनको हर संभव सहायता का भरोसा दिया।
ख़राब मौसम में ही वायनाड पहुंचे राहुल और प्रियंका
खराब मौसम के बावजूद गुरुवार दोनों नेता प्रभावित लोगों से मिलने पहुंचे। सुबह करीब 9.30 बजे वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कन्नूर एयरपोर्ट पर उतरे। यहां से बाईरोड दोनों वायनाड के लिए रवाना हुए। अलप्पुझा सांसद केसी वेणुगोपाल भी उनके साथ थे।

वायनाड से दो बार सांसद रहे हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी Wayanad से 2019 में सांसद चुने गए थे। रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करने वाले राहुल गांधी ने इस बार 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भी वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों पर जीत हासिल कर ली है। लेकिन मां की छोड़ी रायबरेली सीट को राहुल ने रिटेन किया और वायनाड से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा के बाद वायनाड उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को प्रत्याशी बनाया है। वायनाड से प्रियंका गांधी चुनाव राजनीति में डेब्यू करेंगी।
पीड़ितों से बात कर उन्हें सांत्वना दी
नेता प्रतिपक्ष चूरलमाला भूस्खलन स्थल के बाद सीएचसी, डॉ.मूपेन मेडिकल कॉलेज और मेप्पाडी के राहत शिविरों में पहुंचे। पीड़ितों से मुलाकात कर उनको सांत्वना दी। घटना के बारे में जानकारी ली। लोगों को हर संभव सहायता का भी आश्वासन दिया। शिविर में रह रहे लोगों की सुविधा के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिया ।
इन परिस्थितियों में बात करना बहुत मुश्किल’
संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘इन परिस्थितियों में लोगों से बात करना बहुत मुश्किल है क्योंकि वास्तव में आपको पता नहीं होता कि उनसे क्या कहना है। यह मेरे लिए काफी मुश्किल दिन रहा है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि बचे लोगों को उनका हक मिले।’ राहुल गांधी ने तो यहां तक बोला है कि उन्हें उतना ही दुख हो रहा है जितना अपने पिता को खोने पर हुआ था। इस क्रम में प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘हम उनकी मदद करने और यथासंभव उनका साथ तथा सांत्वना देने के लिए यहां आए हैं।’ बता दें कि दोनों भाई-बहन यहां चूरलमाला क्षेत्र और मेप्पाडी स्थित एक अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा दो राहत शिविरों का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। भूस्खलन स्थल का दौरा करने के बाद गांधी ने फेसबुक पर लिखा कि आपदा एवं त्रासदी का दृश्य देखकर उन्हें काफी दुख हुआ।
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