BJP ने मंगलवार, 20 अगस्त को Rajya Sabha उपचुनाव के लिए 9 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी हरियाणा से पार्टी की कैंडिडेट होंगी। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को राजस्थान से और जॉर्ज कुरियन को मध्य प्रदेश से उम्मीदवार बनाया गया है। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 अगस्त है।
जानें किस राज्य से किसने भरा नामांकन पर्चा
असम से मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धैर्यशील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से सरदार रवनीत सिंह बिट्टू और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्जी को उम्मीदवार बनाया है. यहां बता दें कि रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब से लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे जिसके बाद पार्टी ने उन्हें Rajya Sabha के लिए उम्मीदवार बनाया है. केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद जब शपथ ग्रहण हुआ तो बिट्टू ने मंत्री पद की शपथ ली थी.

किस राज्य में कितनी सीटें और क्यों हुईं खाली?
महाराष्ट्र में 2, बिहार में 2, असम में 2 सीटें खाली हैं. वहीं, त्रिपुरा, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में एक-एक सीट खाली है. इन 12 सीटों में 10 सीटें ऐसी हैं जो सदस्यों के लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद खाली हुईं, जबकि ओडिशा और तेलंगाना में राज्यसभा सदस्यों ने एक पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरी पार्टी ज्वाइन की और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजेडी) की सांसद ममता मोहंता ने नवीन पटनायक का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था और सदस्यता छोड़ी थी, तेलंगाना में केशव राव ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की थी तो ऐसे में उन्होंने राज्यसभा सदस्यता छोड़ दी.
किन सीटों पर क्या स्थिति ?
जिन 12 सीटों पर उप-चुनाव होना है उनमें बीजेपी के 7 राज्यसभा सांसद थे. महाराष्ट्र, असम में 2, बिहार, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा से एक-एक सांसद था. राजनीतिक एक्सपर्ट्स की अगर मानें तो मध्य प्रदेश, असम, राजस्थान, ओडिशा और त्रिपुरा में बीजेपी की स्थिति मजबूत नजर आ रही है और इन सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. वहीं, महाराष्ट्र और बिहार में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है.
रही बात हरियाणा की तो यहां सबसे दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है क्योंकि 90 विधानसभा सीटों वाले राज्य में अब 87 विधायक हैं. इनमें से बीजेपी के 41, गोपाल कांडा की पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) और निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का बीजेपी को समर्थन है तो ऐसे में ये आंकड़ा 44 हो जाता है. विपक्ष में 43 विधायक हैं जिसमें कांग्रेस के 28, जेजेपी के 10 और तीन निर्दलीय विधायक हैं. इनमें से निर्लदलीय विधायकों ने पहले बीजेपी सरकार का समर्थन किया था लेकिन बाद में कांग्रेस के पाले में आ गए थे.
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