Repo Rate नहीं घटने से किस्त में छूट का इंतजार करने वालों को झटका
लोन की किस्त में राहत का इंतजार कर रहे लोगों को एक बार फिर झटका लगा है. आरबीआई की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 6.5% पर यथावत है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट को एक बार फिर 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है. दास के मुताबिक मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने नीतिगत दर को यथावत रखने के निर्णय के पक्ष में मत दिया. रेपो रेट के यथावत रहने का मतलब है कि आपके लोन की किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा. शक्तिकांत दास ने कहा कि समिति ने ग्रोथ को सुनिश्चित करने के लिए महंगाई पर फोकस करने और कीमतों में स्थिरता लाने के लिए यह फैसला किया है.
Repo Rate कम होने पर लोगों को मिलती राहत
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. इसके कम होने से होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की किस्त कम होती है. आरबीआई ने रेपो रेट आखिरी बार बदलाव पिछले साल फरवरी में किया था. तब इसे 0.25% बढ़ाकर 6.50% किया गया था.
कब कम होगी महंगाई ?
महंगाई के मुद्दे पर रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है. उन्होंने कहा कि महंगाई में व्यापक रूप से गिरावट का रुख दिख रहा है. तीसरी तिमाही में महंगाई नीचे आ सकती है, साथ ही उन्होंने कहा कि महंगाई में खाने-पीने की चीजों की कीमत में तेजी अब भी चिंता का विषय बनी हुई है. परिवारों की खपत से मांग में सुधार को समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि खुदरा महंगाई चालू वित्त वर्ष में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में तेजी से खुदरा महंगाई में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. घरेलू मांग बढ़ने से विनिर्माण गतिविधियों में तेजी जारी है और सेवा क्षेत्र की रफ्तार भी बरकरार है.
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