रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर, ट्रंप के टैरिफ से वैश्विक व्यापार युद्ध का डर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ के चलते रुपया 87.29 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार पर असर।

Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: February 4, 2025 10:45 pm

मुंबई:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा, मैक्सिको और चीन पर नए टैरिफ लगाने के फैसले के बाद भारतीय रुपये में भारी गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 67 पैसे लुढ़ककर 87.29 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।

📉 डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट क्यों?

1️⃣ ट्रंप टैरिफ का असर: अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको पर 25% तथा चीन पर 10% आयात शुल्क लगाया, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई।
2️⃣ डॉलर की मजबूती: अमेरिकी डॉलर की मांग बढ़ने से यह 109.77 के स्तर पर पहुंच गया, जिससे रुपये सहित कई वैश्विक मुद्राओं पर दबाव बढ़ा।
3️⃣ विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजारों से 1,327.09 करोड़ रुपये की निकासी की।
4️⃣ कच्चे तेल की कीमतें: ब्रेंट क्रूड 0.71% बढ़कर 76.21 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे तेल आयातकों की डॉलर मांग बढ़ी और रुपये पर दबाव आया।
5️⃣ RBI का हस्तक्षेप: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हस्तक्षेप की उम्मीद जताई जा रही है ताकि रुपये में उतार-चढ़ाव को कम किया जा सके।

💹 मौजूदा स्थिति:

📌 सोमवार को रुपया 87.00 पर खुला और शुरुआती कारोबार में 87.29 तक गिरा।
📌 शुक्रवार को रुपया 86.62 पर बंद हुआ था।
📌 बाजार में अनिश्चितता के चलते विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।

📊 अन्य वैश्विक मुद्राओं पर असर

🔹 यूरो – 1.0224
🔹 पाउंड (GBP) – 1.2261
🔹 येन (JPY) – 155.54
🔹 युआन (CNY) – 7.3551
🔹 इंडोनेशियन रुपिया (IDR) – 16,448
🔹 साउथ कोरियन वोन (KRW) – 1,470

📉 शेयर बाजार पर असर

🔹 BSE सेंसेक्स575.89 अंक गिरकर 76,930.07 पर
🔹 NSE निफ्टी206.40 अंक गिरकर 23,275.75 पर

📈 भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति

🔹 भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.574 अरब डॉलर बढ़कर 629.557 अरब डॉलर हो गया।
🔹 पिछले सप्ताह इसमें 1.888 अरब डॉलर की गिरावट आई थी।

🧐 आगे क्या?

💡 विशेषज्ञों के अनुसार, रुपये की ट्रेडिंग रेंज 86.65 से 87.00 के बीच रह सकती है।
💡 RBI के हस्तक्षेप की संभावना, ताकि डॉलर की मांग को संतुलित किया जा सके।
💡 वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर निगरानी आवश्यक, क्योंकि व्यापार युद्ध की संभावना से बाजार अस्थिर रह सकता है।

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