S.Jaishankar-Shahbaz meeting ,पर द्विपक्षीय वार्ता नहीं
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने इस्लामाबाद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन से पहले आयोजित रात्रिभोज के दौरान एक-दूसरे का गर्मजोशी से अभिवादन किया। दोनों नेताओं के बीच संक्षिप्त बातचीत (S.Jaishankar -Shahbaz meeting) हुई, जिसे दोनों देशों के बीच सालों से चल रहे तनावपूर्ण संबंधों के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, दोनों देशों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस मुलाकात के दौरान किसी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना नहीं है।
नौ साल बाद पहली उच्च-स्तरीय यात्रा
एस जयशंकर का यह पाकिस्तान दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक है। यह लगभग नौ साल बाद पहली बार है जब भारत के किसी उच्च अधिकारी ने पाकिस्तान की यात्रा की है। इससे पहले 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद का दौरा किया था। जयशंकर के इस दौरे की खास बात यह है कि इसे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव के बावजूद नई दिल्ली की एससीओ में मजबूती से जुड़ने की प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।
एससीओ शिखर सम्मेलन: व्यापार और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), जो 2001 में स्थापित हुआ था, का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। इस सम्मेलन में चीन, रूस, भारत और पाकिस्तान सहित कई देशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भाग ले रहे हैं। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग और रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन भी सम्मेलन में उपस्थित हैं। भारत की तरफ से जयशंकर इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, इस्लामाबाद में सख्ती
पाकिस्तान ने एससीओ सम्मेलन के दौरान सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए हैं। इस्लामाबाद में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है, जिसमें 9,000 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हैं। इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसियां और रेंजर्स भी सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राजधानी इस्लामाबाद और आसपास के इलाकों में प्रदर्शन और रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भारत-पाक संबंध: तनाव जारी, बेहतर संबंधों की इच्छा भी
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध 2019 में हुए पुलवामा हमले और इसके बाद बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई कार्रवाई के बाद से बेहद तनावपूर्ण हैं। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव और बढ़ गया। जयशंकर ने एक हालिया बयान में कहा था कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को आतंकवाद मुक्त माहौल तैयार करना होगा।
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