SEBI ने दी निवेशकों को हिंडनबर्ग रिपोर्ट से भ्रमित न होने की सलाह, ये है मामला!

हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट को लेकर इन्वेस्टर्स किसी तरह का कोई तनाव न महसूस करें, इसके लिए SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने उन्हें अपने इंवेस्टमेंट्स को लेकर बिल्कुल न घबराने की सलाह दी है। उसने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। SEBI ने निवेशकों से अपील की है कि ऐसी रिपोर्ट को पढ़कर कोई फ़ैसला लेने से पहले खुद छानबीन कर लें, जिससे उन्हें किसी तरह की आर्थिक हानि न हो।

Written By : दीक्षा शर्मा | Updated on: August 12, 2024 5:12 pm

SEBI on Hindenburg Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग  के आरोपों को SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और उनके पति धवल बुच (Dhaval Buch) ने बयान जारी कर सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है।

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए खुद पर लगे सभी आरोप झूठे बताए है।  वहीं, निवेशकों के बीच भी रिपोर्ट को लेकर किसी तरह का तनाव या चिंता न रहे इसके लिए उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि उनको ज़रा भी घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। सेबी ने निवेशकों से इस तरह की रिपोर्ट को पढ़कर कोई निर्णय लेने से पहले खुद जांच करने की अपील की है । जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो। SEBI ने कहा कि निवेशकों को हिंडनबर्ग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए अस्वीकरण (डिस्क्लेमर) को जरूर पढ़ना चाहिए। दरअसल, हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर भी दिया है, जिसका ज़िक्र SEBI ने निवेशकों से किया है।

डिस्क्लेमर में क्या लिखा है ?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के डिस्क्लेमर में लिखा है, यह रिपोर्ट सिक्योरिटीज पर कोई सलाह नहीं है। यह जांच-पड़ताल पर आधारित रिपोर्ट है। हम हर पाठक को सलाह देते हैं कि वे खुद से जांच-पड़ताल करें। हिंडनबर्ग रिसर्च के शोध का इस्तेमाल करना आपके अपने जोखिम पर है।किसी भी स्थिति में हिंडनबर्ग रिसर्च या इससे जुड़ी कोई भी पार्टी इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी के कारण हुए किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष व्यापारिक नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी। आप इस बात से सहमत हैं कि आप खुद से रिसर्च और जांच-पड़ताल करेंगे और किसी भी निवेश का फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय, कानूनी और कर सलाहकार से सलाह लेंगे।

क्या हैं हिंडनबर्ग का सेबी चीफ पुरी बुच पर आरोप ?

दरअसल, हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप और सेबी चीफ के संबंधों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट में खुलासा किया है कि सेबी अध्यक्ष और उनके पति का अडानी समूह से जुड़े ऑफशोर फंड में अघोषित निवेश है। हिंडनबर्ग ने कहा कि इन निवेशों की वजह से सेबी अडानी ग्रुप्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बरमूडा और मॉरीशस में फंडों सहित ऑफशोर संस्थाओं में निवेश किया था जो कथित तौर पर अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी से जुड़े थे। इन संस्थाओं का इस्तेमाल फंड को राउंड-ट्रिप करने और स्टॉक की कीमतों को बढ़ाने के लिए किया जाता था।

माधबी और उनके पति ने आरोपों को बेबुनियाद बताया 

SEBI

बुच दंपति ने कहा, “रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह से  बेबुनियाद हैं। इनमें तनिक भी सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है। सभी जरूरी खुलासे पहले ही वर्षों से सेबी को दिये जा चुके हैं। हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेज का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।”

बुच ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसी के जवाब में हमें ही घेरने और चरित्र हनन करने का प्रयास किया गया है।”

अडाणी समूह ने कहा- हिंडनबर्ग ने जिनके नाम लिए, उनसे कारोबारी रिश्ते नहीं 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अडाणी समूह ने कहा है, SEBI प्रमुख से ग्रुप के कारोबारी रिश्ते नहीं हैं। SEBI प्रमुख के साथ जिन लोगों के नाम लिए गए हैं, उनसे भी समूह का लेनदेन नहीं है। विदेशी होल्डिंग पर उठाए गए सवाल बेबुनियाद हैं। समूह की विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह पारदर्शी है। इसका इस्तेमाल धन के हेरफेर के लिए नहीं किया गया।

ग्रुप ने कहा- हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का गलत इस्तेमाल किया। अडाणी ग्रुप पर लगाए आरोप पहले ही निराधार साबित हो चुके हैं। गहन जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज कर दिया था।

 

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