Supreme Court Insignia :75वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति मुर्मू ने किया SC के नए झंडे व प्रतीक चिन्ह का अनावरण!

सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ पर नया झंडा और प्रतीक चिन्ह लॉन्च किया गया है। नीले और सुनहरे रंग में यह ध्वज न्यायपालिका के इतिहास और गौरव का प्रतीक है।

Written By : दीक्षा शर्मा | Updated on: September 1, 2024 11:49 pm

Supreme Court Insignia:  सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ पर झंडा और प्रतीक चिन्ह बदल गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को सर्वोच्च न्यायालय का नया झंडा और प्रतीक चिन्ह (Supreme Court Insignia) जारी किया है। देश के सबसे बड़े न्यायालय ने कहा कि नया प्रतीक चिन्ह न्यायपालिका के इतिहास और गौरवशाली परंपरा के साथ सम्मान व विश्वास का परिचय दे रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का नया ध्वज और प्रतीक चिह्न (Supreme Court Insignia)

सुप्रीम का नया झंडा नीला और गोल्डन कलर का शानदार कॉम्बिनेशन है। नए झंडा का रंग नीला है और उस पर गोल्डेन कलर की डिजाइन है। इसके सेंटर में एक सर्किल में सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की बिल्डिंग उसके ऊपर अशोक चक्र और नीचे भारत का संविधान है। डबल सर्किल के बीच में सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया गोल्डन कलर से लिखा गया है जबकि उसी सर्किल में नीचे संस्कृत का श्लोक “यतो धर्मस्ततो जय” लिखा है। यह वाक्य महाभारत में कुल तेरह बार आता है और इसका मतलब है “जहाँ धर्म है वहाँ जय (जीत) है।”

“अदालतों में मामले लंबित होना चुनौती है”

इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अदालतों में मामलों का लंबित होना हम सबके लिए चुनौती है। इसके समाधान के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश के न्यायाधीशों की जिम्मेदारी है कि वे न्याय की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि आम लोगों का अदालतों में स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है, जिसे ब्लैक कोर्ट सिंड्रोम नाम दिया और उन्होंने सुझाव दिया कि इस बारे में जानना चाहिए। राष्ट्रपति ने महिला न्यायिक अधिकारियों की संख्या में वृद्धि होने पर खुशी भी जताई है।

न्याय देने में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका की सराहना की

राष्ट्रपति ने लोगों को न्याय देने में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका की सराहना भी की है ।

इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि लोगों के जल्द से जल्द न्याय मिले इसके लिए अदालतों में स्थगन की संस्कृति को बदलने के प्रयास किए जाने की जरूरत है।

इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के सम्मान में सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के सेंट्रल रिज क्षेत्र में 75 पौधे लगाएगा।

कार्यक्रम में क्या बोले सीजेआई?

इस कार्यक्रम में भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सच्चाई यह है कि जिला स्तर पर केवल 6.7 फीसदी अदालती बुनियादी ढांचा ही महिला अनुकूल है, जिसे बदलने की जरूरत है। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारी अदालतें हमारे समाज के सभी सदस्यों, विशेषकर महिलाओं और अन्य कमजोर समूहों जैसे विकलांग व्यक्तियों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान करें।

 

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