सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कीं वीवीपीएटी से जुड़ी याचिकाएं, जानें मतदान और ईवीएम पर क्या कहा

देश की सर्वोच्‍च अदालत (Supreme Court) ने 18वीं लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) के लिए दूसरे चरण के लिए हो रहे मतदान के बीच अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम (EVM) की जगह फिर बैलेट पेपर (Ballot Paper) से चुनाव कराने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज (Dismissal of petitions) कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
Written By : पी. शंकर | Updated on: April 26, 2024 3:36 pm

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से डाले गए वोट का ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपीएटी) के साथ मिलान कराने की मांग को ठुकरा दिया है। इसके साथ ही कहा कि मतदान (Voting) ईवीएम से ही होगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दो सदस्‍यीय पीठ ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि तंत्र के किसी भी पहलू पर ‘‘आंख मूंद कर अविश्वास करना’’ बिना वजह संदेह पैदा कर सकता है। न्यायमूर्ति जीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले में सहमति वाले दो फैसले सुनाए। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने और वीवीपीएटी (VVPAT) की गिनती कर नतीजे का ऐलान करने से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। हालांकि, कोर्ट ने शिकायत करने पर सात दिनों के अंदर इसकी जांच कराने की अनुमति दी है।

केवल अटकल के आधार पर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने की अनुमति नहीं

इस मामले की सुनवाई कर रहे सर्वोच्‍च अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की प्रभावशीलता के बारे में याचिकाकर्ताओं की आशंकाओं और अटकलों के आधार पर आम चुनावों की पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाने और उसे प्रभावित करने की अनुमति नहीं दे सकता। कोर्ट ने दोबारा मतपत्रों से चुनाव कराने की प्रकिया पुन: अपनाने का अनुरोध करने वाली याचिका भी खारिज कर दी है। पीठ ने अपने फैसले में कहा कि ‘‘लोकतंत्र का अर्थ सद्भाव और सभी संस्थाओं में भरोसा बनाए रखने का प्रयास करना है।’’

नतीजे के सात दिनों के भीतर की जा सकती है जांच की मांग

न्यायालय ने अपने फैसले में दो निर्देश जारी किए। न्यायमूर्ति खन्ना ने फैसले में निर्वाचन आयोग को मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में चिह्न लोड करने वाली स्टोर यूनिट्स को 45 दिनों के लिए स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। शीर्ष अदालत ने ईवीएम निर्माताओं के इंजीनियरों को यह अनुमति दी कि वे परिणाम घोषित होने के बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों के अनुरोध पर मशीन के ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को सत्यापित कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘माइक्रोकंट्रोलर’ के सत्यापन के लिए अनुरोध परिणाम घोषित होने के सात दिनों के भीतर किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए पहले शुल्क देना होगा।

‘नोटा’ के जीतने पर नए सिरे से चुनाव कराने की याचिका पर आयोग से जवाब मांगा

आम चुनाव के बीच उच्चतम न्यायालय ने उस जनहित याचिका पर निर्वाचन आयोग से जवाब देने को कहा जिसमें ‘नोटा’ (इनमें से कोई नहीं) के विकल्प को अन्य उम्मीदवारों से अधिक वोट मिलने पर चुनाव रद्द करने और नए सिरे से मतदान कराने के लिए नियम बनाने का अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता शिव खेड़ा की एक जनहित याचिका पर निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति दत्ता इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से डाले गए मतों का ‘वोटर वेरिफिएबिल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) से पूरी तरह मिलान करने के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज करने वाली शीर्ष अदालत की पीठ में शामिल रहे।

54 thoughts on “सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कीं वीवीपीएटी से जुड़ी याचिकाएं, जानें मतदान और ईवीएम पर क्या कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *