Swapnil Kusale ने पेरिस ओलंपिक्स में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में भारत के लिए पहला पदक जीता है। ऐसा कर वह इस स्पर्धा में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।
स्वप्निल कुसाले रेलवे में टिकट कलेक्टर थे। जीत के बाद उन्होंने कहा, “वह M.S Dhoni से प्रेरणा लेते हैं क्योंकि वह भी अपने करियर की शुरुआत में रेलवे टिकट कलेक्टर थे बाद में वह एक क्रिकेट आइकन बने।” कुसाले ने अपने अंतिम शॉट पर 10.0 का स्कोर किया। इसके साथ ही स्वप्निल कुसाले हार गए लेकिन वह भारत के लिए कांस्य पदक जीत गये। पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन स्पर्धा में यह भारत का पहला पदक है।
ऐसी संभावना है कि हाल ही में पदक जीतने वाली मनु भाकर भी ओलंपिक के एकल संस्करण में अपना तीसरा पदक भी जीत सकती हैं। यह भी पहली बार है जब भारतीय निशानेबाजी दल ने किसी भी ओलंपिक के एक ही संस्करण में तीन पदक जीते हैं।
स्वप्निल का जन्म 6 अगस्त 1995 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के एक छोटे से गांव कंबलवाड़ी में किसान परिवार में हुआ था। उनका परिवार खेलों से पहले से ही जुड़ा हुआ था क्योंकि उनके पिता खुद एक निशानेबाज रह चुके हैं। स्वप्निल कुसाले को बचपन से ही निशानेबाजी करने से लगाव होने लगा था जिसे उनके पिता ने बखूबी समझा और उन्हें स्वप्निल के अंदर असाधारण निशानेबाज दिखाई दिया। स्वप्निल कुसाले को निशानेबाजी और बंदूक की ओर बचपन से ही खिंचाव उनके पिता की निशानेबाजी को देखकर हुआ। उन्हें अपने माता-पिता से निशानेबाजी के करियर में सबसे अधिक प्रोत्साहन मिला है।
Swapnil Kusale ने वर्ष 2013 में लक्ष्य स्पोर्ट्स की ओर से उनके सपनों को आकार देने के लिए प्रोत्साहित किया गया जिससे वह एक ऊंचाइयों को छू पाए उसके बाद साल 2015 में कुबेर में आयोजित एशियन शूंटिंग चैंपियनशिप के जूनियर वर्ग के हिस्सा रहे, वहां उन्होंने 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन स्वर्ण पदक जीता।
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