Swati Maliwal Attack Case: विभव की जमानत याचिका खारिज

आम आदमी पार्टी की राज्‍यसभा सदस्‍य स्‍वाति मालिवाल ( Swati Maliwal) पर हमले के मामले में कोर्ट ने आज आरोपी विभव कुमार ( Vibhav Kumar) की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके पहले दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलील पेश की। याचिका पर सुनवाई के दौरान स्‍वाति खुद उपस्थित थीं। उन्‍होंने कहा कि ‘ मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सचिव विभव कुमार को जमानत दी गई तो मेरे और मेरे परिवार को जान का खतरा हो जाएगा। पूरी ट्रोल आर्मी मेरे पीछे पड़ी है और एक यूट्यूबर मुझे बलात्‍कार ( Rape Threat) और जान से मारने की धमकी दे रहा है।‘

स्वाति मालिवाल और विभव कुमार की फाइल फोटो
Written By : रामधनी द्विवेदी | Updated on: May 27, 2024 6:30 pm

जब विभव के वकील ने कहा कि कथित मारपीट के आरोप के लिए मुख्‍यमंत्री के आवास ( Chief Minister’s residence ) का ड्राइंग रूम इसलिए चुना गया क्‍यों कि वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं तो स्‍वाति अंदर से टूट गईं और रोने लगीं। कोर्ट में वह वीडियो क्लिप भी दिखाई गई जिसमें वह मुख्‍यमंत्री आवास से सुरक्षाकर्मियों द्वारा बाहर की जा रही हैं

स्‍वाति मुख्‍यमंत्री आवास में जबरन घुसीं

मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सचिव विभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। उनकी न्‍यायिक हिरासत कल समाप्‍त होने वाली है। तीस हजारी कोर्ट में उनको जमानत देने की याचिका पर सुनवाई हो रही थी।  विभव कुमार की ओर से उनके वकील एन हरिहरन ने कहा कि ‘जमानत स्‍वीकार किए जाने के पर्याप्‍त कारण हैं। उन्‍होंने कहा कि सब मनगढ़ंत है। मेरी छवि खराब करने के लिए मुझपर झूठे आरोप लगाये गये हैं। शायद यह सोचकर कि मेरे कारण से मुख्‍यमंत्री उनसे नहीं मिल रहे हैं।‘’वकील ने यहां तक कहा कि मालिवाल ने 13 मई के दिन मुख्‍यमंत्री आवास में ‘जबरन प्रवेश’ (trespassing )  किया था। क्‍या कोई कहीं भी घुस सकता है। क्‍या किसी को मुख्‍यमंत्री आवास में इसलिए घुसने का अधिकार मिल जाता है कि वह सांसद हैं। हालांकि वह वहां बार-बार आती रहीं हैं लेकिन इससे भी उन्‍हें वहां घुसने का अधिका‍र  नहीं मिल जाता।

चीरहरण जैसी कोई बात नहीं

विभव के वकील ने यह भी कहा कि मालिवाल के एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि उनका ‘चीरहरण’ करने का प्रयास किया गया। आरोप में इस तरह का मामला नहीं बनता। चीरहरण तो प्राचीन काल में कौरवों द्वारा द्रोपदी का किया गया था। यहां ऐसा कुछ नही है।

विभव जांच में सहयाग नहीं कर रहे

इस पर स्‍वाति मालिवाल के वकील ने कहा कि विभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और पुलिस के सवालों का भी ठीक से जवाब नहीं दे रहे हैं। वकील ने कहा कि उनके मुख्‍यमंत्री के आवास में जाने को ‘जबरन घुसना’ कैसे कहा जा सकता है। उनसे मुख्‍यमंत्री आवास में इंतजार करने के लिए कहा गया था।  यदि वह जबरन घुसीं थी तो उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत क्‍यों नहीं दर्ज कराई गई। दिल्‍ली महिला आयोग की पूर्व अध्‍यक्ष स्‍वाति मालिवाल ने आरोप लगाया था कि 13 मई की सुबह नौ बजे जब वह मुख्‍यमंत्री से मिलने उनके आवास गईं थीं तो मुख्‍यमंत्री के पूर्व सचिव विभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की। उसने छह सात थप्‍पड़ मारे,पेट में लात मारी और कमीज फाड़ दी। वह चिल्‍लाती रहीं लेकिन मदद के लिए कोई सामने नहीं आया। दो दिन बाद उन्‍होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

विभव बहुत शक्तिशाली

स्‍वाति मालिवाल ने कोर्ट में खुद भी अपनी बात रखी। उन्‍होंने कहा कि विभव सामान्‍य व्‍यक्ति नहीं है। वह बहुत शक्तिशाली है और मंत्रियों की तरह सुविधाओं का इस्‍तेमाल करता है। उसने मुझे मारा और अब कहा जा रहा है कि मैं भाजपा की एजेंट हूं। स्‍वाति के वकील ने कहा कि आरोपी ने एक अकेली महिला को मारा, उसे पकड़ कर खींचा जिससे सिर में चोट लगी। क्‍या इससे मौत नहीं हो सकती थी। यदि मैं सबके सामने एक महिला को मारुं तो यह उसका शील हरण ही हुआ।

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