तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मशहूर तबला वादक और पांच बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की उम्र में दिल संबंधी समस्याओं के चलते अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया।

जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की उम्र में निधन
Written By : Md Tanzeem Eqbal | Updated on: December 15, 2024 11:00 pm

न्यूयॉर्क: मशहूर तबला वादक और पांच बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता उस्ताद जाकिर हुसैन का दिल संबंधी समस्याओं के चलते अमेरिका के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। उनके मैनेजर निर्मला बचानी ने बताया कि उन्हें सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

शुरुआती जीवन और करियर की दिलचस्प शुरुआत

बॉम्बे में जन्मे जाकिर हुसैन, प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा के पुत्र थे। उन्होंने अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में अपनी पहचान बनाई। 13 वर्ष की उम्र में उनके करियर की शुरुआत एक दिलचस्प घटना के साथ हुई। एक बार उनके पिता के नाम एक कार्यक्रम का निमंत्रण आया। जाकिर हुसैन ने खुद उस पत्र का जवाब देते हुए लिखा कि उनके पिता उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उनका बेटा प्रस्तुति के लिए तैयार है। उन्होंने अपनी उम्र का जिक्र नहीं किया, और उनका करियर यहीं से शुरू हुआ।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान

2009 में जब उन्होंने न्यूयॉर्क के कार्नेगी हॉल में प्रस्तुति दी थी, तब न्यूयॉर्क टाइम्स ने उनकी तारीफ करते हुए लिखा था, “जाकिर हुसैन की उंगलियों की तेजी कोलिब्री पक्षी के पंखों की गति की बराबरी करती है। वह एक जबरदस्त तकनीशियन होने के साथ-साथ एक रचनात्मक कलाकार भी हैं।”

पुरस्कार और सम्मान

जाकिर हुसैन ने अपने छह दशक लंबे करियर में कई अंतरराष्ट्रीय और भारतीय कलाकारों के साथ काम किया। उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण, और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसी साल 66वें ग्रैमी अवॉर्ड्स में उन्होंने तीन पुरस्कार अपने नाम किए।

फ्यूजन संगीत में अमिट योगदान

1973 में उन्होंने अंग्रेजी गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन, वायलिन वादक एल. शंकर, और पर्कशनिस्ट टी.एच. ‘विक्कु’ विनायकम के साथ एक फ्यूजन प्रोजेक्ट किया, जिसने भारतीय शास्त्रीय संगीत और जैज़ का अनूठा संगम पेश किया।

जाकिर हुसैन के निधन से संगीत जगत में अपूरणीय क्षति हुई है।

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