दशम भाव यह बताता है कि व्यक्ति अपने जीवन में किस प्रकार का कार्य करेगा और उस कार्य से समाज में कितनी प्रतिष्ठा प्राप्त करेगा।
दशम भाव में क्या देखा जाता है?
1. व्यवसाय और करियर :
व्यक्ति किस प्रकार का कार्य करेगा? (सरकारी नौकरी, व्यवसाय, कला, तकनीक आदि)
नौकरी में सफलता मिलेगी या नहीं?
प्रमोशन और पद की स्थिति कैसी होगी?
2. सम्मान और प्रतिष्ठा :
समाज में व्यक्ति की प्रतिष्ठा कितनी होगी?
क्या व्यक्ति नाम कमाएगा, लोकप्रिय होगा?
3. पिता का प्रभाव :
दशम भाव पिता का भी प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए पिता की स्थिति, संबंध, और प्रभाव भी इससे जुड़े होते हैं।
4. प्रशासनिक और नेतृत्व क्षमता :
क्या व्यक्ति में नेतृत्व गुण है?
क्या वह उच्च पदों तक पहुंच सकता है?
5. कर्म और धर्म का संतुलन:
यह भाव कर्म का है, लेकिन इसमें यह भी देखा जाता है कि व्यक्ति अपने कर्म को धर्म से कैसे जोड़ता है।
जन्मकुंडली के दशवें भाव (10th House) को “कर्म स्थान” या “राज्य भाव” कहा जाता है। यह भाव व्यक्ति के करियर, पेशा, सामाजिक प्रतिष्ठा, यश, उच्च पद, और जिम्मेदारियों से संबंधित होता है। इस भाव में विभिन्न ग्रहों और राशियों के स्थित होने से व्यक्ति के कर्म और जीवन की दिशा तय होती है।
नीचे दशम भाव में प्रत्येक ग्रह के शुभ और अशुभ फल (फलादेश) का विस्तृत विवरण दिया गया है:
दशम भाव में विभिन्न ग्रहों के शुभ और अशुभ फल
सूर्य
शुभ फल:
प्रशासनिक पद, सरकारी नौकरी, सम्मान, पिता से सहयोग।
नेतृत्व क्षमता, राजनीति या उच्च स्तर पर कार्य।
अशुभ फल:
घमंड, पिता से मतभेद, अहंकार की वजह से विवाद।
करियर में उतार-चढ़ाव, उच्च पद गंवाने का डर।
चंद्रमा
शुभ फल:
जनप्रियता, रचनात्मक क्षेत्र, परोपकारी कार्यों में सफलता।
समाजसेवा, स्त्रियों से सहयोग, मानसिक शांति के साथ कार्य।
अशुभ फल:
करियर में चंचलता, भावनात्मक निर्णयों से नुकसान।
माता से कष्ट, मन की अस्थिरता के कारण गलत करियर विकल्प।
मंगल
शुभ फल:
सेना, पुलिस, खेल, इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में सफलता।
साहसी और जोखिम उठाने वाला, टेक्निकल क्षेत्र में उन्नति।
अशुभ फल:
गुस्सा, आक्रामकता, वरिष्ठों से झगड़े।
दुर्घटना या कानूनी समस्याएं।
बुध
शुभ फल:
बुद्धिमत्ता, व्यापार, शिक्षा, लेखन, मीडिया में सफलता।
संचार, तकनीकी क्षेत्र या गणना से जुड़े प्रोफेशन।
अशुभ फल:
छल-कपट की प्रवृत्ति, धोखा देना या पाना।
वाणी की वजह से विवाद, करियर में बार-बार परिवर्तन।
गुरु
शुभ फल:
न्यायप्रिय, धार्मिक, शिक्षा क्षेत्र में उन्नति।
अच्छे नैतिक मूल्यों के साथ करियर में उन्नति, समाज में सम्मान।
अशुभ फल:
आलस्य, दिखावटी धार्मिकता, करियर में रुचि की कमी।
निर्णय लेने में देर, अवसर चूक जाना।
शनि
शुभ फल:
मेहनती, अनुशासनप्रिय, निर्माण, खदान, औद्योगिक क्षेत्र में सफलता। धीरे लेकिन स्थिर और मजबूत करियर।
अशुभ फल:
विलंब, असफलता, अत्यधिक संघर्ष।
वरिष्ठों से टकराव, जिम्मेदारी का बोझ।
राहु
शुभ फल:
विदेशों में सफलता, तकनीकी क्षेत्र, राजनीति, मीडिया।
स्मार्ट प्लानिंग से सफलता, ग्लैमर इंडस्ट्री में उन्नति।
अशुभ फल:
भ्रमित करियर, धोखाधड़ी, गलत तरीकों से सफलता की कोशिश।
अनैतिक कार्य, अचानक करियर गिरावट।
केतु
शुभ फल:
रिसर्च, ज्योतिष, आध्यात्म, रहस्यमयी विषयों में सफलता।
कर्मयोगी, आत्मनिरीक्षण करने वाला, साधक।
अशुभ फल:
करियर में रुचि की कमी, कार्य में अनिश्चितता।
सामाजिक कटाव, आत्मविश्वास की कमी।
(नीतेश तिवारी, एमसीए, एमएचए हैं और ज्योतिष शास्त्र के अच्छे जानकार हैं.)
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