फिलहाल, शोरूम में टेस्ला (Tesla) की ऑल-इलेक्ट्रिक SUV Model Y प्रदर्शित की गई है। इसके लिए कंपनी ने शंघाई से छह यूनिट भारत मंगाई हैं। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में देखा गया कि इन गाड़ियों को फ्लैटबेड ट्रक से शोरूम तक लाया गया। टेस्ला की आधिकारिक वेबसाइट पर Model Y की बुकिंग भी शुरू हो चुकी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीकेसी की इस हाई-प्रोफाइल जगह के लिए कंपनी हर महीने लगभग ₹35 लाख का किराया चुका रही है। यह भारत में टेस्ला की पहली भौतिक उपस्थिति है, और कंपनी भविष्य में दिल्ली सहित अन्य महानगरों में विस्तार की योजना बना रही है।
भारत ने हाल ही में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बनकर नई उपलब्धि हासिल की है। हालांकि, टेस्ला जिस लग्जरी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेगमेंट में काम कर रही है, उसकी हिस्सेदारी देश की कुल वाहन बिक्री में लगभग 4 प्रतिशत ही है।
भारत में पूरी तरह से तैयार वाहनों (CBU) के आयात पर करीब 100 प्रतिशत तक का शुल्क लगता है, जो टेस्ला के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पिछले वर्ष एक नई नीति लागू की है। इसके तहत वे विदेशी कंपनियां जो भारत में निर्माण इकाइयां स्थापित करेंगी, उन्हें कुछ वर्षों तक आयात शुल्क में राहत दी जाएगी। इस राहत का लाभ लेने के लिए कंपनियों को पांच वर्षों के भीतर कम से कम 50 प्रतिशत तक स्थानीय स्तर पर कल पुर्जों की खरीद अनिवार्य रूप से करनी होगी।
टेस्ला ने अब तक भारत में किसी निर्माण इकाई की घोषणा नहीं की है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कंपनी किसी संभावित व्यापार समझौते के तहत आयात शुल्क में छूट की प्रतीक्षा कर रही है। यदि ऐसी कोई राहत नहीं मिलती, तो भारत में स्थानीय निर्माण टेस्ला के लिए एकमात्र व्यावसायिक विकल्प बन सकता है।
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