गौ तस्कर समझ कर 23 अगस्त को आर्यन मिश्रा (Aryan Misra) नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस Murder Case में शामिल सभी 5 आरोपियों ने मंगलवार को फरीदाबाद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। सभी गौ रक्षा दल के सदस्य हैं और फरीदाबाद के अलग-अलग इलाकों में रहते हैं।
पुलिस ने पूछताछ के बाद हत्या में इस्तेमाल हुआ हथियार भी बरामद कर लिया। यह पूरी घटना गलतफहमी की वजह से हुई, जिसमें आर्यन मिश्रा नाम का लड़का जो 12वीं क्लास में पढ़ता था उसकी मौत हो गई। आरोपियों ने गलती से आर्यन व उसकी पूरी फेमिली को गौ तस्कर समझ लिया । पुलिस ने पांचो को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें 2 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है।
Aryan Misra Murder Case में सरेंडर करने वाले आरोपियों के नाम
आरोपियों के नाम अनिल कौशिक, वरुण, कृष्णा, आदेश और सौरभ है। सभी गौ रक्षक दल के सदस्य हैं।
यह है मामला
घटना 23 अगस्त की है। फरीदाबाद के NIT के पांच नंबर इलाके में रहने वाला आर्यन मिश्रा जो 12वीं क्लास में पढ़ता था, रात 11 बजे दोस्त शैंकी, हर्षित, अपनी मां श्वेता गुलाटी और दो महिलाओं के साथ वर्धमान मॉल में नूडल्स खाने गए थे। सब कुछ अच्छा चल रहा था सब आपस में हंसी मजाक कर रहे थे। तभी दूसरी ओर अनिल कौशिक और उसके चार दोस्तों को जो गौ रक्षक दल के भी सदस्य हैं, उन्हें सूचना मिली थी कि शहर में डस्टर और फॉर्च्यूनर कार में गौ तस्कर घूम रहे हैं। इसलिए पांचो युवक उस डस्टर कार को ढूंढने लगे, तभी सेक्टर 21 के आसपास उन्हें एक डस्टर कार दिखाई दी जिसमें आर्यन मिश्रा अपने दोस्तों और मां के साथ बैठा था।
आरोपी कैसे हुए गलतफहमी का शिकार
पुलिस पूछताछ में अनिल कौशिक ने बताया कि जब उन्होंने डस्टर कार को देखा तो रुकने का इशारा किया। लेकिन ड्राइवर ने कार की स्पीड और तेज कर दी। तभी उन्हें शक हुआ कि कार में गौ तस्कर हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने उस डस्टर कार का पीछा किया और लगभग 30 किलोमीटर दूर दिल्ली-आगरा नेशनल हाइवे पर कार सवारों को न पकड़ पाने के कारण अनिल ने अपनी पिस्तौल निकाली और डस्टर कार में ड्राइवर की सीट पर बैठे हर्षित को गोली मारी, लेकिन गलती से वह गोली बाईं तरफ बैठे आर्यन मिश्रा के सिर में लग गई और कार रुक गई।
कैसे हुआ गलती का एहसास
कार के रुकते ही अनिल कौशिक अपने चारों दोस्तों के साथ कार के पास आया और दरवाजा खोला, और तभी अंदर का नजारा देखकर वे हक्के-बक्के रह गए। उन्होंने देखा कि कार में तीन महिलाएं और दो लड़के सवार हैं। उसके बाद सारे आरोपी घटनास्थल से नौ दो ग्यारह हो गए। आर्यन के परिवार वालों ने तुरंत उसे फरीदाबाद अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन 24 अगस्त को डॉक्टर की तमाम कोशिशों के बाद भी आर्यन को बचाया नहीं जा सका।
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