भारत की हालत एक समय बहुत पतली लग रही थी जब 78 रनों पर उसके 5 प्रमुख बल्लेबाज पैवेलियन लौट चुके थे। आवश्यक रन रेट 9.5 से अधिक हो चुका था पर तिलक वर्मा अंत तक डटे रहे और रवि बिश्नोई के साथ मिल कर भारत की नैया पार करवा दी। तिलक वर्मा ने 55 गेंदों में 72 नाबाद रन बनाये और अपनी पारी में पांच बहुमूल्य छक्के लगाए। वाशिंगटन सुंदर और रवि बिश्नोई ने भी तिलक का अच्छा साथ निभाया।
इंग्लैंड के लिए एक बार फिर उसके कप्तान जोस बटलर ने सबसे अधिक 45 रन बनाये। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने काफी अच्छी और किफायती गेंदबाजी की।
भारत मैच में अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ उतरा जैसाकि वह पिछले कुछ मैचों में करता रहा है। तिलक तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरा जो पोजिशन पिछले तीन मैचों से उसके लिए बहुत अच्छा साबित हो रहा है जिसमें वह दो नाबाद शतक और इस मैच में नाबाद 72 रन बना चुका है। तीसरे नंबर पर उतर कर और दूसरे छोर से बल्लेबाजों के लगातार आउट होने के बावजूद उसने जिस प्रकार गियर बदल कर और जिम्मेदारी के साथ बल्लेबाजी की और खासकर पुच्छले बल्लेबाजों के साथ बैटिंग की, वह काबिले तरफ थी। गौरतलब है कि तिलक टी-20 में बिना आउट हुए सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन चुके हैं। तिलक पिछली चार टी-20 पारियों में नाबाद 72, नाबाद 19, नाबाद 120 और नाबाद 107 रन बनाने के जरिये 318 रन बना चुके हैं जो किसी अन्य बल्लेबाज की तुलना में सबसे ज्यादा है।
मैच अंतिम क्षण तक बेहद रोमांचक बना रहा और इसमें लगातार उतर चढ़ाव के क्षण आते रहे। अंतिम तीन ओवरों में 20 रन बनाने थे और 8 विकेट गिर चुके थे फिर भी तिलक ने संयम नहीं खोया और बिश्नोईके साथ मिल कर भारत की नैया पार लगा दी। भारत के लिए वरुण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल ने दो- दो विकेट लिए जबकि अर्शदीप सिंह, हार्दिक पांड्या, वाशिंगटन सुंदर और अभिषेक शर्मा को एक-एक् विकेट मिला।
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