महाराष्ट्र के जलगांव में एक दर्दनाक रेल हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह से घबराए यात्रियों ने ट्रेन से छलांग लगा दी और पास से गुजर रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। जलगांव के पुलिस अधीक्षक महेश्वर रेड्डी ने इस घटना की पुष्टि की।
यह हादसा जलगांव के पचोरा के पास महेजी और परधाड़े स्टेशनों के बीच हुआ। घटना के समय, पुष्पक एक्सप्रेस 5 बजे रुकी थी, जब किसी ने आग की अफवाह पर चेन खींच दी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन के एक कोच में ‘हॉट एक्सल’ या ‘ब्रेक बाइंडिंग’ के कारण चिंगारियां उठने लगी थीं, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई।
कुछ यात्री ट्रेन से उतरकर पटरियों पर आ गए, उसी समय बेंगलुरु से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस वहां से गुजरी और यह हादसा हो गया। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में घटना के पीछे आग की अफवाह को मुख्य कारण माना जा रहा है।
घटना के तुरंत बाद भुसावल से एक राहत ट्रेन को रवाना किया गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि घायलों को हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। हादसे के बाद की तस्वीरें दिल दहला देने वाली थीं, जिनमें पटरियों पर शव और घायल लोग खून से लथपथ दिख रहे थे।
मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने जताया दुख
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हैं, ने घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही, घायलों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “कुछ यात्रियों ने ट्रेन से धुआं उठने की गलतफहमी में छलांग लगाई, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ। हमारे मंत्री गिरीश महाजन राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर शोक जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस से बात कर घटना की जानकारी ली और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
रेलवे की प्राथमिकता: सुरक्षा और राहत कार्य
रेलवे ने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और स्थानीय प्रशासन मौके पर तैनात हैं। घटना के कारणों की जांच के लिए रेलवे ने वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम गठित की है।
यह हादसा यात्रियों की सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर करता है। रेलवे और सरकार को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
यह भी पढ़े:रोहित शर्मा 10 साल बाद खेलेंगे रणजी ट्रॉफी, मुंबई टीम में शामिल