ट्रंप की तीखी टिप्पणी के बाद भारत जल्द ही अमेरिका से आयातित कुछ महंगी वस्तुओं—विशेष स्टील, लग्जरी मोटरसाइकिल और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों—पर शुल्क कम कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इससे घरेलू उद्योगों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा और इसकी घोषणा शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में हो सकती है। वर्तमान में, अमेरिका से आयातित 20 वस्तुओं पर भारत 100% से अधिक शुल्क लगाता है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, चीन और ब्राजील को “भारी शुल्क लगाने वाले देश” (Tremendous Tariff Makers) करार दिया है।
ट्रंप का भारत पर तीखा हमला
अमेरिकी रिपब्लिकन नेताओं को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा,
“हम अब इसे और बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम अमेरिका को पहले रखेंगे। चीन, भारत, ब्राजील और अन्य देश हम पर भारी शुल्क लगाते हैं। लेकिन अब हम इसे नहीं चलने देंगे।”
उन्होंने यह भी कहा, “अगर कोई देश हम पर 10 सेंट, 2 डॉलर, या 100% से 250% तक शुल्क लगाता है, तो हम भी उन्हीं पर वैसा ही शुल्क लगाएंगे। भारत और ब्राजील बहुत सख्त देश हैं, लेकिन चीन सबसे सख्त है।”
क्या भारत ट्रंप के दबाव में झुकेगा?
विश्लेषकों के अनुसार, भारत सरकार अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को संतुलित करने की कोशिश कर सकती है, लेकिन पूरी तरह ट्रंप के दबाव में आने की संभावना कम है।
वर्तमान में अमेरिका से आयातित कई उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ हैं, विशेष रूप से हार्ले डेविडसन जैसी महंगी बाइक, इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक स्टील। भारत यदि इनपर शुल्क कम करता है, तो यह अमेरिका के साथ व्यापार सुधारने की दिशा में एक संकेत हो सकता है।
मोदी की अमेरिकी यात्रा के संकेत
ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं। इससे पहले भी ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान भारत के ‘उच्च शुल्क नीति’ की आलोचना की थी।
टैरिफ युद्ध की रणनीति या अमेरिका में निर्माण को बढ़ावा?
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ रणनीति “अमेरिका फर्स्ट” आर्थिक मॉडल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अमेरिका में विनिर्माण उद्योग को पुनर्जीवित करना है। उच्च शुल्क के जरिए वह अमेरिका में घरेलू उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं।
क्या भारत और अमेरिका में व्यापार युद्ध छिड़ेगा?
ट्रंप का यह बयान आने वाले समय में भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को प्रभावित कर सकता है। अब सबकी नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण पर टिकी हैं, जहां भारत अमेरिका से कुछ उत्पादों पर शुल्क में कटौती की घोषणा कर सकता है।
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