अभी लू नहीं चल रही है लेकिन दिल्ली और एनसीआर में शीघ्र ही वैसी स्थिति आने वाली है। जब दिन और रात के तापमान में दस से 15 डिग्री का अंतर रह जाता है तो लू जैसी स्थिति आ जाती हैं। इस साल लू अधिक चलने के आसार अभी से बनने लगे हैं। यदि ऐसा हुआ तो लू से मरने वालों की संख्या भी अधिक होगी।
इस साल सभी पुराने रिकॉर्ड टूटने की आशंका
ऐसा नहीं कि गर्मी का सितम भारत के लोग ही झेल रहे हैं। दक्षिण एशिया के कई देशों मे ऐसी ही स्थिति है। अनेक देशों मे तो बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को बंद कर दिया गया है। वैस हर दस साल में एक बार तापमान का यह रूप देखने को मिलता है लेकिन इस साल पुराने सभी रिकार्ड टूटने की आशंका है। ऐसा मौसम तीस साल में दुहराने वाला है।
देश के अधिकांश हिस्सों में अभी से तापमान 40 डिग्री से अधिक
देश के अधिकतर हिस्से में अधिकतम तापमान इस समय 40 डिग्री से अधिक है। दिन की गर्मी अब सहनशक्ति से बाहर होने लगी है। घरों में पंखे की हवा भी लू की तरह लग रही है। एसी और कूलर पर निर्भरता बढ़ गई है। लोग मजबूरी मे ही घर से बाहर निकल रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों के गर्मी से प्रभावित होने का खतरा अधिक रहता है।
कैसे बचें
दिन में दस बजे से चार बजे के बीच घर से बाहर न निकलें।
पर्याप्त पानी पीतें रहें।
घर में दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें जिससे गर्म हवा न आने पाये।
गर्मी लगने पर हाथ पांव धोते रहें।
मौसमी फल तरबूज,खीरा, ककड़ी आदि का सेवन करें।
सिकंजी और छाछ पीते रहें।
कच्चे आम के पना का सेवन करें।
मसाले दार भोजन से बचें।
निकलना जरूरी हो तो
पूरी बांह के सूती कपड़े पहन कर निकलें।
सिर पर सूती टोपी या गमछा बांध कर निकलें।
आंख पर धूपी चश्मा लगा कर निकलें।
घर से निकलते समय पानी पी कर निकलें और पानी की बोतल साथ
रखें और बीच-बीच में पानी पीते रहें।
लू चल रही हो तो पाकेट में छोटी सी प्याज की गांठ रखें,
लू से बचने का यह पुराना तरीका है।
यदि बाहर निकलें तो होम्योपैथी दवा बेलाडोना 30 की
एक खुराक खा कर निकलें। इससे भी लू से बचाव होगा।
लू लगने पर भी इस दवा को ले सकते हैं।