स्कंदमाता (Skandmata) का मंत्र

नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता (Skandmata) की पूजा-अर्चना की जाती है।

स्कंदमाता को क्या-क्या पसंद है?

पीले रंग के फूल मां स्कंदमाता(Maa Skandmata) को बहुत पसंद है,पीले रंग के वस्त्र को चढ़ना चाहिए तथा और पीले रंग की मिठाई या फल का भोग लगाना चाहिए। केले का भोग लगाना अच्छा माना जाता है।

मां का नाम स्कंदमाता(Maa Skandmata) कैसा पड़ा?

ऐसा माना जाता है कि माता ने अपने गोद में भगवान कार्तिकेय को लिया है, कार्तिकेय का दूसरा नाम स्कंद है। इसलिए माता के इस स्वरूप को स्कंदमाता कहते हैं।

ऐसे करें मां की उपासना

इस मंत्र से करें पूजा : ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः वन्दे वांछित कामर्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम् सिंहारूढाचतुर्भुजास्कन्धमातायशस्वनीम् धवलवर्णाविशुद्ध चक्रस्थितांपंचम दुर्गा त्रिनेत्राम सिंहासानगता नितयं पद्माश्रितकरद्वया शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

मां स्कंदमाता(Maa Skandmata) को और किन- किन नामो से जाना जाता है?

मां स्कंदमाता को माहेश्वरी,गौरी तथा विद्यावाहिनी के नाम से भी जाना जाता है।

स्कंदमाता(Maa Skandmata) की पूजा करने से क्या लाभ प्राप्त होता है?

मां स्कंदमाता(Maa Skandmata) के आशीर्वाद बुद्धि में वृद्धि होती, ज्ञान रूपी आशीर्वाद मिलता है और जीवन में आ रहे सभी प्रकार के कष्ट दूर रहते हैं।