Kedarnath के रास्तें में फंसे 5 हजार यात्री, बादल फटने और बारिश से 16 मरे

Kedarnath Landslide: उत्तराखंड में रात भारी बरिश, लैंडस्लाइड(Landslide) और बादल फटने(Cloud Burst) के कारण केदारनाथ (Kedarnath) की यात्रा दो दिन के लिए रोक दी गई है। पैदल रूट पर भीमबली,लिनचोली में अलग-अलग जगह फंसे 5000 लोगों का रेस्क्यू किया गया है इसके लिए चिनूक और MI-17 समेत साथ हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है। हालांकि 300 तीर्थ यात्री अब भी फंसे हुए हैं।

Written By : आकृति पाण्डेय | Updated on: August 2, 2024 11:45 pm

उत्तराखंड में केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, भीमबली, अल्मोड़ा हर जगह तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। कहीं बादल फट रहे तो कहीं लैंडस्लाइड के कारण बड़े हादसों हो रहे है। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, और नैनीताल में अब 16 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 48 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट है।

कितने श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया

बताया जा रहा है कि अबतक 61 में से 51 श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर (Helicopter) से रेस्क्यू किया जा चुका है। शेष 10 श्रद्धालुओं को भी रेस्क्यू(Rescue) कर सुरक्षित स्थान पर लाने की व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल, रेस्क्यू(Rescue)  कर लाए गए श्रद्धालुओं को रामपुरा पहुंचा दिया गया है।

एटीएफ(ATF) की भी मदद भेजी गई

तीन टैंकर एटीएफ(ATF) की मदद भेजी गई है ताकि केदारनाथ(Kedarnath)  के अलग-अलग स्थान पर फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकाला जा सके।

बचाव अभियान में चिनूक और MI-17 हेलिकॉप्टर भी जुटे

बारिश से क्षतिग्रस्त केदारनाथ(Kedarnath)  के पैदल रास्ते में फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई17 हेलीकॉप्टर को भी शामिल किया गया।

यह घटना कब हुई

बता दें कि 24 जुलाई 2024 को बदरवास से 61 लोगों का जत्था उतराखंड के लिए रवाना हुआ था। सभी श्रद्धालु आगामी 4 अगस्त से बद्रीनाथ में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करने के लिए निकले थे। हालांकि, कथा से वो सभी दर्शन के लिए केदारनाथ(Kedarnath)  के लिए निकल गए। इसी दौरान 31 जुलाई की रात को केदारनाथ(Kedarnath)  के गौरीकुंड से आवागमन वाले रास्ते पर बादल फट गया, जिसके बाद हुई भारी बारिश में मार्ग ढह गया। इस घटनाक्रम में बदरवास समेत देशभर से आए सभी श्रद्धालु मार्ग के दोनों और फंस गए।

केदारनाथ(Kedarnath)  से लेकर टिहरी(Tehri) तक हर जगह तबाही के निशान

उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से तबाही मची है। टिहरी(Tehri)  से लेकर केदारनाथ तक हर जगह तबाही के निशान देखे जा सकते हैं। टिहरी(Tehri)  के नौताड़ इलाके और केदारनाथ में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है।”

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