Trainee Constables की भूख हड़ताल की वजह रविवार सुबह नाश्ते के बाद 235 ट्रेनी सिपाहियों के तबीयत खराब होने और खाने में जहर मिला होना रही। सिपाहियों ने डीआईजी, आईजी से खाने की अच्छी क्वालिटी और इस घटना के जांच की मांग की।
घटना बिहार की राजधानी पटना से 200 किलोमीटर दूर सुपौल जिले के वीरपुर अनुमंडल पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में हुई।वहां पिछले डेढ़ महीने से ट्रेनिंग पर आए बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के जवान ठहरे हुए हैं। इनमें से कुछ बाद में डिपार्टमेंटल एग्जाम के जरिए सब इंस्पेक्टर बनेंगे। इसी बीच सोमवार की सुबह 8 बजे तब हड़कंप मच गया जब 935 ट्रेनी सिपाही चिलचिलाती धूप में परेड ग्राउंड में जाकर भूख हड़ताल पर बैठ गए और कमांडेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। इसका कारण था कि रविवार की सुबह नाश्ते के बाद करीब 265 सिपाही बीमार हो गए और उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने खाने में सल्फास( गेहूं को कीड़ों से बचाने वाली जहरीली दवा) मिले होने की बात कही, इसलिए ट्रेनी सिपाहियों ने डीआईजी, आईजी से पूरे मामले की जांच और साथ में खाना अच्छी क्वालिटी का मिले ये सुनिश्चित करने की मांग की, करीब दो बजे जब डीआईजी ने आकर सिपाहियों को भरोसा दिलाया तो सभी सिपाही अपनी बैरक में लौट गए।
यह है मामला
घटना सुपौल जिले के वीरपुर अनुमंडल पुलिस ट्रेनिंग सेंटर की है जहां पिछले डेढ महीने से सिपाही से सब इंस्पेक्टर बनने के लिए आए 935 ट्रेनी सिपाही ठहरे हुए है। जब से यह लोग यहां आए हैं कुछ भी प्रबंध सही नहीं है, ट्रेनिंग में सिपाहियों को ना अच्छा खाना मिल रहा था ना रहने की ही अच्छी व्यवस्था है, फिर भी वे काम चला रहे थे। लेकिन कल तो हद हो गई सुबह मेस के नाश्ते में पूडी, जलेबी व काबुली चना खाने के थोड़ी देर बाद करीब 265 ट्रेनी सिपाही उल्टी करने लगे, कई के पेट में दर्द होने लगा। उन्हें पास ही वीरपुर अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से रात एक बजे सबको डिस्चार्ज किया गया। सिपाहियों ने आरोप लगाया कि उन्हें खाने में सल्फास (गेहूं को कीड़ों से बचाने वाली जहरीली दवा ) मिला कर दी गई जिसके पैकेट मेस किचन में भी मौजूद थे, इस घटना से सभी सिपाही बहुत गुस्से में थे, वे सुबह भूख हड़ताल पर बैठ गए।
Trainee Constables का आरोप
ट्रेनी सिपाहियों ने बताया कि जब से वह यहां आए हैं तभी से उन्हें अच्छा खाना नहीं मिल रहा और रहने कि भी व्यवस्था उचित नहीं है। यहां बस 400 लोगों को ट्रेनिंग दी जा सकती है लेकिन प्रशासन ने करीब 900 से ज्यादा लोगों को यहां रख रखा है। कभी-कभी तो हमें फर्श पर बैठना पड़ता है, उन्होंने कहा हमने कई बार अधिकारियों से खाने की खराब क्वालिटी की शिकायत की लेकिन कोई उचित कदम नहीं उठा रहे हैं।
Trainee Constables की मांग
सिपाहियों ने DIG, IG से मांग कि सबसे पहले उन्हें खाना अच्छी क्वालिटी का चाहिए, रहने की अच्छी व्यवस्था हो, और इस घटना की जांच हो ताकि दोषी को पकड़ कर सजा दी जा सके।
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