Telegram भारत में हो सकता है बैन, सरकार ने जांच शुरू की

सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम के जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। भारत सरकार ने इसके फाउंडर व सीईओ पावेल दुंरोव की गिरफ्तारी के बाद देश में जांच शुरू कर दी है। यह जांच टेलीग्राम ऐप पर हालिया हुई कुछ घटनाओं को लेकर होगी और जांच में यदि कुछ पाया जाता है तो इसे पूरे देश में बैन किया जा सकता है।

Written By : सुनील कुमार साहू | Updated on: August 27, 2024 5:40 pm

सोशल मीडिया ऐप Telegram की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही। अभी हाल ही में 24 अगस्त को  इसके फाउंडर व  सीईओ पावेल दुंरोव को फ्रांसीसी जांच एजेंसी ने पेरिस -ले बॉर्गेट हवाई अड्डे से हिरासत में ले लिया । इस घटना के बाद भारत की जांच एजेंसियां भी सचेत हो गई और Telegram ऐप  कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी। यह जांच भारत का गृह मंत्रालय व सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय मिलकर सामंजस्य के साथ करेंगे, अगर जांच में कुछ अनियमित  मिलता है तो इसे पूरे देश में बैन  किया जा सकता है।

क्या आरोप है

Telegram ऐप पर आरोप है कि यह कुछ समय से आपराधिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है, इसमें लीक हुए परीक्षा पत्रों, जबरन वसूली, स्टॉक मूल्य में हेरफेर, चाइल्ड पोर्नोग्राफी और साइबर फ्रॉड को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह ऐप अपराधिक कृत्य करने वाले लोगों के लिए डार्क वेब की तरह काम कर रहा है।

पावेल दुंरोव कौन है और क्यों किया गया गिरफ्तार

पावेल दुंरोव का जन्म  1985 में रूस में हुआ और वह 39 वर्ष के हैं। साल 2013 में पावेल ने अपने भाई निकोलाई  डुरोव के साथ टेलीग्राम नामक ऐप बनाया। यह ऐप व्हाट्सएप,इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसा ही सोशल मीडिया ऐप है, जहां सूचनाओं का आदान-प्रदान आसानी से किया जाता है। इसमें पूरी दुनिया के लोग आपस में चैट,कॉल के जरिए एक दूसरे से बात करते है। इस समय पूरी दुनिया में टेलीग्राम के 900 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं और अकेले भारत में 50 लाख यूजर्स रजिस्टर्ड है। लेकिन शनिवार 24 अगस्त 2024 को इसके फाउंडर पावेल दुंरोव को फ्रांस के बॉर्गेट हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी उनके टेलीग्राम ऐप पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने में असफल रहने के कारण हुई।

घटनाएं जिनकी वजह से टेलीग्राम ऐप अपराधिक ऐप की श्रेणी में आने लगा

  •  24 जुलाई, 2024- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(सेबी) ने टेलीग्राम के जरिए स्टॉक मूल्य में हेराफेरी के रैकेट का खुलासा करते हुए, टेलीग्राम ग्रुप के मालिक पर स्टील शीट निर्माण फॉर्म से 20 लाख रुपये कमीशन लेने का आरोप लगा था।
  • 3 मई, 2024-   पुलिस ने भोपाल के दो लोगों को एक स्थानीय डॉक्टर से 38 लाख रुपये की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने टेलीग्राम का इस्तेमाल पुलिस अधिकारी बनकर फर्जी पूछताछ करने के लिए किया।
  •  19 जून,2023– देश में लगभग 9 लाख आवेदकों वाली यूजीसी -नेट परीक्षा आयोजित होने के एक दिन बाद ही रद्द कर दी गई क्योंकि परीक्षा से एक दिन पहले  ही किसी ने प्रश्न पत्र टेलीग्राम पर लीक कर दिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था- जब हमने यूजीसी नेट प्रश्नों को, लीक हुए पेपर के प्रश्नों के साथ मिलान किया  तो दोनों एक समान निकले। केंद्रीय मंत्री ने कहा -टेलीग्राम की जटिल प्रकृति को ट्रैक करना काफी चुनौती पूर्ण है। इसलिए यह अपराधियों के लिए फायदेमंद ऐप है।

ऐप अपराधिक कृतियों के लिए ही बना है

डीपस्ट्रैट के शहर संस्थापक और सीटीओ आनंद वेैंकट नारायणन ने बताया कि टेलीग्राम साइबर अपराधियों के लिए सबसे फायदेमंद ऐप है, ऐसा लगता है यह ऐप अपराधियों के लिए ही बना है। उन्होंने कहा यह एक केंद्रीकृत चैट सेवा है जिसमें बिल्कुल भी कंटेंट मॉडरेशन नहीं है।

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