106ठे स्थापना दिवस समारोह के साथ आगामी 19-20 अक्टूबर को आयोजित होगा साहित्य सम्मेलन का 43 वाँ महाधिवेशन 

बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन (Bihar Hindi Sahitya Sammelan) का 43 वाँ महाधिवेशन आगामी 19-20 अक्टूबर को, सम्मेलन के 106 ठे स्थापना दिवस समारोह के साथ आहूत होगा। दो दिवसीय इस महाधिवेशन के चिंतन का मुख्य विषय "भारत की राष्ट्रभाषा और अन्य भाषाओं पर उसका प्रभाव' रखा गया है।

Written By : आकृति पाण्डेय | Updated on: September 23, 2024 7:41 am

बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन (Bihar Hindi Sahitya Sammelan) का 43 वाँ महाधिवेशन आगामी 19-20 अक्टूबर को, सम्मेलन के 106 ठे स्थापना दिवस समारोह के साथ आहूत होगा। दो दिवसीय इस महाधिवेशन के चिंतन का मुख्य विषय “भारत की राष्ट्रभाषा और अन्य भाषाओं पर उसका प्रभाव’ रखा गया है।

इसमें 6 वैचारिक-सत्रों के अतिरिक्त प्रथम दिवस की संध्या में सांस्कृतिक-उत्सव एवं दूसरे दिन विराट कवि-सम्मेलन आयोजित होगा। समापन-समारोह में देश की साहित्यिक विभूतियों के साथ बिहार के साहित्यकारों को, नामित अलंकरणों से विभूषित किया जाएगा। सम्मान हेतु तीन अक्टूबर तक अनुशंसाएँ आमंत्रित की गयी हैं। यह अधिवेशन दो महान साहित्यिक विभूतियों महाप्राण पं सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ तथा कलम के जादूगर रामवृक्ष बेनीपुरी को समर्पित किया गया है, यह वर्ष जिनका १२५वाँ जयंती-वर्ष है।

अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने क्या बताया

यह जानकारी रविवार को सम्मेलन-सभागार में संपन्न हुई कार्य समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों के आलोक में, Bihar Hindi Sahitya Sammelan के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ (Anil Shulabh) ने दी। उन्होंने बताया कि महाधिवेशन में बिहार के सभी ज़िलों से कम से कम तीन और अधिकतम दस हिन्दी-सेवियों को प्रतिनिधि-सदस्य बनाया जाएगा। बिहार के बाहर के साहित्यकार भी प्रतिनिधि बनाएँ जाएँगे। पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार डा रवीन्द्र किशोर सिन्हा को पुनः स्वागत समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। शीघ्र ही अन्य उपसमितियाँ गठित कर दी जाएँगी। इस अवसर पर सम्मेलन पत्रिका ‘सम्मेलन-साहित्य’ का विशेषांक भी प्रकाशित किया जाएगा। विविध सत्रों की अध्यक्षता करने वाले विद्वानों और अन्य वक्ताओं के चयन हेतु सम्मेलन अध्यक्ष और प्रधानमंत्री को अधिकृत किया गया है। इसमें सम्मेलन के वरीय अधिकारीगण भी सहायता करेंगे।

बैठक में कई विभूतियाँ उपस्थित हुए 

बैठक में सम्मेलन के डा उपेंद्र नाथ पाण्डेय, डा शंकर प्रसाद, डा मधु वर्मा, पद्मश्री विमल जैन, डा ध्रुव कुमार, पारिजात सौरभ, डा पुष्पा जमुआर, डा पूनम आनंद, सागरिका राय, डा नागेश्वर प्रसाद यादव, प्रो सुशील कुमार झा, कृष्णरंजन सिंह, डा मेहता नगेंद्र सिंह, डा प्रतिभा रानी, प्रो सुनील कुमार उपाध्याय, डा सुमेधा पाठक, आरपी घायल, डा अर्चना त्रिपाठी, अम्बरीष कान्त, डा पंकज पाण्डेय, लता प्रासर, चंदा मिश्र, संजू शरण, बाँके बिहारी साव, अभय सिन्हा, नीरव समदर्शी, कमल किशोर वर्मा, ‘कमल’, इंदु उपाध्याय, डा सुषमा कुमारी, डा आर प्रवेश, आनन्द मोहन झा, नेहाल कुमार सिंह ‘निर्मल’, जय प्रकाश पुजारी, श्रीकांत व्यास, मीरा श्रीवास्तव, प्रवीर कुमार पंकज, रौली कुमारी, उत्तरा सिंह, डा आशा कुमारी उपस्थित थे।

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