हिमाचल की मंडी सीट से MP Kangana Ranaut ने कृषि कानूनों की वापसी को लेकर दिए अपने बयान पर बुधवार को वीडियो संदेश के जरिए माफी मांग ली। यह माफी केंद्र सरकार द्वारा कंगना के बयान से किनारा करने के बाद आई। कंगना के इस बयान पर विपक्षी दल – कांग्रेस और अकाली दल ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। इससे पहले भी उन्होंने दो बार किसान आंदोलन को लेकर विवादास्पद बयान दिया था।
MP Kangana Ranaut ने अपनी माफी में क्या कहा
सांसद ने अपने बयान में कहां की अगर किसी को उनके बयान से ठेस पहुंची हो तो व उनसे माफी मांगती हैं और आगे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमा को बनाए रखने का वादा किया।
कंगना रनौत ने माफी में यह कहा
Do listen to this, I stand with my party regarding Farmers Law. Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/wMcc88nlK2
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 25, 2024
23 सितंबर को कंगना ने कृषि कानूनों को लेकर क्या बयान दिया था
हिमाचल में एक कार्यक्रम के दौरान सोमवार को Mp kangana Ranaut ने तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की वकालत की थी। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान इन कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बताया। इसके अलावा कंगना ने आपत्ति जताने वाली राज्य सरकारों से हाथ जोड़कर आग्रह किया कि वे इन कानूनों को फिर से लाने पर विचार करें।
सांसद द्वारा किसान आंदोलन पर दिए गए विवादास्पद बयान
कृषि कानून कब लाए गए थे
केंद्र सरकार ने 5 जून 2020 को एक अध्यादेश के जरिए अगस्त में संसद सेशन के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में तीन कृषि कानून का मसौदा पेश किया । मसौदा दोनों सदनों से पास हो गया था और कानून के रूप में सबके सामने आया। लेकिन किसानों को यह बिल मंजूर नहीं थे।
कितने दिन चला आंदोलन
केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस न लेने को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसानों ने 26 नवंबर 2020 को दिल्ली कूच किया। यहां इनके ऊपर पानी की बौछारे, टियर गैस और लाठियां चलाई गई। लेकिन किसान अपनी जगह से टस से मस नहीं हुए और करीब 1 साल बाद 19 नवंबर 2021 को टीवी पर आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया।
किसानों को तीन कृषि कानूनों से क्या थी दिक्कत
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