अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के पूर्व महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह EVM से चुनाव को लेकर ज्यादा खफा हैं। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) की घोषणा से पहले दिग्विजय सिंह दिल्ली में EVM के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं । कांग्रेस पार्टी समेत विपक्ष के नेता चुनाव आयोग से EVM की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर चुके हैं।
दिग्गी राजा ईवीएम से मतदान का कई बार कर चुके हैं विरोध
चुनाव आयोग में जब दाल नहीं गली तो दिग्विजय सिंह ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने को लेकर नया उपाय सुझा् दिया । उन्होंने कहा कि एक सीट पर अगर 400 उम्मीदवार खड़े हो जाएं तो चुनाव आयोग को EVM की जगह बैलेट से चुनाव कराना पड़ सकता है। इसके लिए बकायदा दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया से लेकर पदयात्रा तक में इस बात को जोरशोर से उठाया।उधर मध्य प्रदेश के राजगढ़ से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय का EVM को फेल करने की मुहिम का असर ये रहा की 400 उम्मीदवार की जगह 40 निर्दलीय कैंडिडेंट भी कांग्रेस या कहें दिग्विजय सिंह नहीं उतार सके । राजगढ़ की सियासी पीच पर नामांकन के बाद अब महज 15 प्रत्याशी ही मैदान में हैं । अब बीजेपी दिग्विजय सिंह के फेल हो चुके फॉर्मूले पर चुटकी ले रही है।
राजनांदगांव के 200 से अधिक उम्मीदवारों ने लिया था नामांकन पत्र
दिग्विजय सिंह के पहले उनके सियासी शिष्य छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने दुर्ग में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि एक सीट पर 384 से अधिक प्रत्याशी खड़े हो जाएं तो EVM की जगह बैलेट से चुनाव हो सकता है। भूपेश बघेल के इस बयान ने प्रदेश से लेकर देश तक की मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस मामले पर छत्तीसगढ़ इलेक्शन कमीशन ने कहा कि नामांकन पत्रों की जांच के बाद 384 उम्मीदवार तक EVM से मतदान हो सकता है। उससे ज्यादा होने पर बैलेट से चुनाव संभव है। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से प्रत्याशी हैं । यहां नामांकन के पहले तक 200 से ज्यादा उम्मीदवार फॉर्म ले चुके थे, लेकिन नामांकन के बाद राजनांदगांव के चुनावी मैदान में बीजेपी- कांग्रेस मिलाकर 15 उम्मीदवार हैं ।