विदेश मंत्री S Jaishankar से पहले, वर्ष 2015 में सुषमा स्वराज ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं। उस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात की थी, जिसके बाद दोनों देशों ने बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला किया था।
एससीओ (SCO) बैठक की तैयारियां
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि S Jaishankar इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। पाकिस्तान इस साल एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है और उसने सभी सदस्य देशों के नेताओं को बुलाया है। अगस्त में पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया था, हालांकि इस बार भारत का प्रतिनिधित्व एस जयशंकर करेंगे।
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच दौरा
जयशंकर का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पाकिस्तान में राजनीतिक हालात अस्थिर हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने इस्लामाबाद की सड़कों पर शिपिंग कंटेनरों से रास्ते बंद कर दिए हैं और मोबाइल सेवा भी रोक दी है। सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस बल और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं, साथ ही इस्लामाबाद और रावलपिंडी के स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।
भारत-पाक संबंधों में तनाव की पृष्ठभूमि
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से खराब हो गए हैं। इससे पहले, फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमला और भारत की बालाकोट हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। तब से दोनों देशों के बीच बातचीत नहीं हुई है।
एससीओ के जरिए संभावनाएं
जयशंकर का यह दौरा दोनों देशों के बीच बातचीत की संभावनाओं के लिहाज से अहम माना जा रहा है। हालांकि एससीओ एक बहुपक्षीय मंच है, लेकिन पाकिस्तान में जयशंकर की मौजूदगी को दोनों देशों के बीच बातचीत के एक मौके के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले, मई 2023 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत का दौरा किया था, जब वह गोवा में एससीओ की बैठक में शामिल हुए थे। यह लगभग 12 साल बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की भारत यात्रा थी।
अब देखना होगा कि जयशंकर की इस यात्रा से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सकारात्मक बातचीत शुरू होती है या नहीं, हालांकि मौजूदा हालात को देखते हुए उम्मीदें ज्यादा नहीं हैं।
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