Ratan Tata Died : रतन टाटा को उम्र संबंधी बीमारी के बाद कुछ दिन पहले ही ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का नाम देश विदेश के उद्योगपतियों में बहुत सम्मान के साथ लिया जाता था। जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव को मुंबई स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स हॉल में रखा गया है, जहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है।
वर्ली के पारसी श्मशान भूमि में होगा अंतिम संस्कार
रतन टाटा के पार्थिव शरीर को वर्ली के पारसी श्मशान में ले जाने पहले प्रार्थना घर (Prayer Hall) में रखा जाएगा जिसके बाद वहां पारसी धर्म के अनुसार शांति पाठ ‘गेह सारनू ‘ पढ़ा जाएगा और उसके बाद ‘अहनावेति’ का पूरा पहला अध्याय पढ़ने के बाद उनके शव को इलेक्ट्रिक अग्निदाह के माध्यम के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
उद्योगपति ही नहीं एक बेहतरीन इंसान रहे
Ratan Tata Died : रतन टाटा 1991 से 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन थे। पद्म भूषण और पद्म विभूषण सम्मानों से सम्मानित रतन टाटा की गिनती नामचीन उद्योगपति के साथ एक बेहतरीन इंसान के रूप में होती थी। यही वजह है कि पूरे भारत में उनकी मौत के बाद जन-जन में शोक की लहर है और लोग दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
अहंकार से बिल्कुल दूर
रतन टाटा को एक अत्यंत सफल उद्योगपति के साथ एक अत्यंत विनम्र और रहमदिल इंसान के रूप में याद किया जाएगा, एक ऐसा इंसान जिसने न्यूयॉर्क की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (Cornell University) से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की उसके बाद हार्वर्ड से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम किया लेकिन अहंकार को पास फटकने तक नहीं दिया।
टाटा समूह को बनाया वैश्विक ब्रांड
वास्तव में रतन टाटा ने ही टाटा समूह को राष्ट्रीय से वैश्विक पहचान दी। टाटा समूुह ने टेटली, कोरस, जगुआर लैंड रोवर, ब्रूनर मोंड, जनरल केमिकल इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और देवू जैसी अंंतराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण कर अपने कारोबार को 100 से अधिक देशों में अपनी पहचान को मजबूती दी। टाटा ट्रस्ट भारत के सबसे बड़े धर्मार्थ संगठनों में शुमार है। पोलिटकल बाजार की ओर से दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि।
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