Spiritualism : चित्त(Mind) रहता है चंचल तो जानें इसे नियंत्रित करने के उपाय

चित्त(Mind) एक ऐसा तत्व है, जो इच्छाओं का गुलदस्ता है। यह बेल की तरह बढ़ता है। इसे सही दिशा देकर नियंत्रित करना आवश्यक है।

Written By : मृदुला दुबे | Updated on: October 22, 2024 8:04 am

मन की शांति और स्थिरता पाने के लिए चित्त (Mind) का नियंत्रित होना अनिवार्य है। आइए, चित्त (Mind) के स्वभाव को समझते हैं और इसे नियंत्रित करने के कुछ प्रमुख उपाय जानते हैं।

चित्त का स्वभाव और उसकी गतिविधियाँ

चित्त (Mind) का स्वभाव हरदम किसी न किसी चीज़ के पीछे भागने का होता है। यह कभी व्याकुल होता है, कभी चिंतित रहता है, और कभी चिड़चिड़ा हो उठता है। मन हमेशा राग और द्वेष करता है। इच्छाओं तथा अनिच्छाओं के बीच झूलता रहता है। कभी प्रेम से भरा होता है, तो कभी नफरत से भर जाता है। आशा और निराशा इसके नियमित साथी होते हैं।

ज्ञान का महत्व

चित्त (Mind) की अस्थिरता तब तक बनी रहती है, जब तक यह ज्ञान से वंचित रहता है। तुलसीदासजी कहते हैं:

“मन पंछी तब लग उड़े, विषय वासना माहि।
ज्ञान बाज के झपट में, तब लगी आवै नाहीं।।”

अ र्थ: चित्त तब तक इच्छाओं और वासनाओं के पीछे भागता रहता है, जब तक यह ज्ञान रूपी बाज के शिकंजे में नहीं आ जाता। ज्ञान प्राप्त होते ही मन इच्छाओं की ओर आकर्षित नहीं होता।

चित्त (Mind) की शांति के लिए गांधीजी के 6 मंत्र

1. दूसरों को क्षमा करें:
गांधीजी का प्रसिद्ध वाक्य है, “यदि कोई एक गाल पर मारे, तो दूसरा गाल भी आगे कर दें।” उनके अनुसार, क्षमा का स्वभाव अपनाकर हमें चित्त की शांति प्राप्त होती है।

2. सकारात्मक बने रहें:
नकारात्मक सोच से जीवन नीरस हो जाता है। असफलताओं को सकारात्मक दृष्टिकोण से लेना चाहिए और हर परिस्थिति का सामना धैर्य से करना चाहिए।

3. ध्यान( meditation):
ध्यान (meditation) चित्त को शांत करने का सबसे सशक्त उपाय है। नियमित meditation से मानसिक तनाव घटता है और मन का नियंत्रण संभव हो पाता है।

4. पैदल चलना:
गांधीजी पैदल चलने पर जोर देते थे। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इससे तनाव कम होता है और मन शांति महसूस करता है।

5. पौष्टिक आहार:
संतुलित आहार शरीर और मन दोनों के लिए आवश्यक है। स्वास्थ्यवर्धक भोजन से चित्त शांत रहता है और मन को भी शक्ति मिलती है।

6. सर्वोदय:
गांधीजी का मानना था कि जब हम दूसरों की भलाई में सहयोग करते हैं, तो हमें मानसिक शांति और संतोष मिलता है। मिलजुलकर कार्य करने से मन में संतुष्टि उत्पन्न होती है।

चित्त(Mind) की शांति के कुछ अन्य उपाय

1. चित्रपट या प्रेरणादायक फिल्में देखें:
जब चित्त अशांत हो, तो प्रेरणादायक फिल्में देखना लाभकारी हो सकता है, जैसे “चित्रलेखा” या “पृथ्वी वल्लभ”।

2. आंखें बंद कर एकांत में बैठें:
यदि बहुत विचार आ रहे हों और बेचैनी हो, तो आंखें बंद करके एकांत में बैठें और मन से कहें: “शांत, शांत, शांत।” इससे मन धीरे-धीरे शांत हो जाता है।

3. राम का नाम जपें:
एकांत में बैठकर “राम, राम, राम” का जाप करें। इससे चित्त की अशांति समाप्त हो जाती है और मन में शांति आती है।

4. भजन गाएं:
“श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में” जैसे भजन गाकर भी चित्त की शांति प्राप्त की जा सकती है। भक्ति संगीत से मन का तनाव घटता है और शांति की अनुभूति होती है।

निष्कर्ष

चित्त(Mind) की शांति और स्थिरता पाने के लिए उपरोक्त उपाय अत्यंत प्रभावी हैं। ज्ञान, ध्यान, सकारात्मकता, और आत्म-संयम के द्वारा चित्त को नियंत्रित करना संभव है, जिससे व्यक्ति मानसिक शांति और सुख का अनुभव कर सकता है।

 

(मृदुला दुबे योग शिक्षक और आध्यात्मिक गुरु हैं.)

ये भी पढ़ें: –Spiritualism : धर्म संप्रदायों में बांटता नहीं, जोड़ता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *