मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, हालांकि कुछ छिटपुट गड़बड़ियों और आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतें सामने आईं। बिहारशरीफ के अम्बेर क्षेत्र में मतदाता पर्चियाँ बांटने और मतदाताओं को प्रभावित करने के आरोप में चार लोगों को हिरासत में लिया गया। मोतिहारी में मतदान केंद्र के बाहर मतदाता सूचियों को सार्वजनिक रूप से दिखाए जाने की शिकायत पर दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। कुछ इलाकों में बहस-बहस और नारेबाजी की मामूली घटनाएँ भी हुईं, जिन्हें स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तत्काल नियंत्रित कर लिया।
चुनाव आयोग ने इस चरण के लिए सुरक्षा और निगरानी की विशेष व्यवस्था की थी। मतदान के दौरान 4 लाख से अधिक सुरक्षा बल के जवान तैनात रहे। इसके अलावा, संवेदनशील और अतिसंवेदनशील माने गए क्षेत्रों में अतिरिक्त गश्त, ड्रोन कैमरा और माइक्रो-ऑब्जर्वर की तैनाती की गई थी। चुनाव से पहले ही राज्यभर में रोकथामात्मक कार्रवाई के तहत कई संदिग्धों को चिह्नित किया गया था तथा नकद, शराब और अन्य सामग्री की बड़ी मात्रा जब्त की गई थी।
दूसरे चरण की कई सीटों पर मुकाबला काफी रोमांचक माना जा रहा है। कई जगहों पर जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशियों की व्यक्तिगत छवि चुनाव का मुख्य आधार बनी हुई है। दोनों प्रमुख राजनीतिक गठबंधनों ने इस चरण में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी और प्रचार अभियान के दौरान बड़े नेताओं की रैलियों ने मुकाबले को तेज किया। अब दोनों चरणों के मतदान के संपन्न होने के बाद सभी की निगाहें परिणामों पर टिक गई हैं। वोटों की गिनती 14 नवम्बर को की जाएगी।
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