आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के ‘समवेत सभागार’ में हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी की ओर से ‘सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और संघ’ विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश में सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को जागृत करना और संघ के योगदान को लोगों के सामने लाना रहा।
कार्यक्रम के दौरान हिन्दुस्थान समाचार समूह की दो पत्रिका नवोत्थान के अंक ‘संघ शताब्दी : नए क्षितिज’ और युगवार्ता के अंक ‘नींव के पत्थर’ का विमोचन हुआ। नवोत्थान संघ के शताब्दी वर्ष से जुड़े सांस्कृति चेतना पर केन्द्रित है और युगवार्ता संघ के 105 वरिष्ठ प्रचारकों का संक्षिप्त जीवन प्रस्तुत करती है।
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि और संघ की अखिल भारतीय कार्यकारणी के सदस्य श्री इंद्रेश कुमार मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री रामबहादुर राय ने की और इस्कॉन के उपाध्यक्ष श्री भरतर्षभ दास विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम में हिन्दुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष अरविंद भालचंद्र मार्डीकर की विशेष उपस्थिति रही। कार्यक्रम में मंच संचालन हिन्दुस्थान समाचार के संपादक श्री जितेन्द्र तिवारी ने किया।
इस अवसर श्री विजेन्द्र गुप्ता ने लोगों से संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर संघ की ओर से समाज परिवर्तन के लिए लाए गए ‘पंच परिवर्तन’ अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाएं, नागरिक कर्तव्यों का पालन करें, पर्यावरण और जल का संरक्षण करें। इसके साथ ही समाज में समरसता रहे और सबसे महत्वपूर्ण कुटुंब प्रबोधन यानी पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान ही परिवार है और अपने बच्चों को पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से हमें बचाना चाहिए।
संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं अखिल भारतीय कार्यकारणी के सदस्य श्री इंद्रेश कुमार ने कहा कि 100 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का असल में धरती पर अवतरण हुआ था और डॉ केशव बलिराम हेडगेवार इस अवतरण के भगीरथ बने थे। हम भाग्यशाली हैं कि हमें इस अवतरण को देखने, इसमें स्नान करने और इस गंगा का हिस्सा बनने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि संघ को जानना है, तो उसके कार्यकर्ता और कार्यपद्धति को समझने की आवश्यकता है। हिन्दुस्थान समाचार की दो पत्रिकाओं युगवार्ता और नवोत्थान के विशेष अंक हमें इन्हीं दोनों विषयों के बारे में बताते हैं। हमारे यहां समृद्धि की नहीं, बल्कि चरित्र की पूजा होती है। इसी को संघ के प्रचारकों और कार्यकर्ता ने जी कर दिखाया है। इन्हीं प्रचारकों के जीवन का इसमें संकलन किया गया है।
कार्यक्रम में हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक एवं आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री रामबहादुर राय ने कहा कि संघ को जानने के लिए संघ के संस्थापक डॉ. हेडेगवार के साथ जीवन गुज़ारने वाले लोगों को समझा जा सकता है। ऐसे ही देश-समाज के लिए जीवन देने वाले 105 कार्यकर्ताओं का युगवार्ता पत्रिका में संकलन किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 संघ की स्थापना के 100 वर्ष और वंदेमातरम् के लिखे जाने के 150 वर्ष पूरे होने के रूप में जाना जाएगा। साथ ही यह वर्ष राम मंदिर आंदोलन को पूर्णाहुति देने के वर्ष के तौर पर भी याद किया जाएगा। उन्होंने तुलना की और कहा कि इसी दौरान देश में साम्यवाद और समाजवाद के आंदोलन भी शुरू हुए थे, लेकिन वे आज कहां हैं और संघ कहां है। ऐसा संघ के लिए जीवन समर्पित करने वाले कार्यकर्ताओं के चलते संभव हो पाया।
इस्कॉन बेंगलुरु के उपाध्यक्ष श्री भरतर्षभ दास ने कहा कि दुनिया को शांति का मार्ग केवल भारत ही दिखा सकता है। वर्तमान में दुनिया में केवल वैचारिक संघर्ष जारी है। भारत को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हमें इसे ठीक करने के लिए नए तरीके ढूंढ़ने होंगे। संघ ने इस कार्य को पिछले 100 सालों से तमाम विरोधों के बावजूद जारी रखा है। हमें भी चाहिए कि वैचारिक संघर्ष को समझें और सनातन को अपने मन में बसायें।
हिन्दुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष श्री अरविंद मार्डीकर ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार का इतिहास बताया। उन्होंने बताया कि एजेंसी 15 भाषाओं में समाचार देती है। एजेंसी विभिन्न कठिनाइयों के बावजूद निरंतर आगे बढ़ रही है।
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