Bangladesh Coup: शेख हसीना के विरोधी नोबेल पुरस्कार विजेता Muhammad Yunus बने अंतरिम सरकार के प्रमुख

Muhammad Yunus : बांग्‍लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच वहां के राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ माेहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) को अंतरिम सरकार के प्रमुख के लिए चुना है। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव जॉयनाल अबेदिन ने बताया कि छात्र आंदोलन के कोऑर्डिनेटर्स के साथ बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है। 

Written By : दीक्षा शर्मा | Updated on: August 7, 2024 5:03 pm

Muhammad Yunus : बांग्लादेश में बुधवार को अंतरिम सरकार के गठित हो जाने की उम्मीद है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग पूरी करते हुए अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) को चुना है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़कर भारत भाग आने के बाद यह फैसला लिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अंतरिम सरकार के कार्यभार संभाल लेने के बाद चुनाव कराए जाएंगे।

बांग्लादेश को अंतरिम सरकार की क्या जरूरत थी ?

बांग्लादेश के संविधान के अनुसार अगर प्रधानमंत्री पद छोड़ देते हैं, तो सरकार के सभी अन्य महत्वपूर्ण नेताओं को भी अपना पद छोड़ना पड़ता है लेकिन वे तब तक काम करते रह सकते हैं जब तक नई सरकार नहीं चुन ली जाती।

बांग्लादेश के संविधान के अनुच्छेद 57 में कहा गया है कि प्रधानमंत्री का पद खाली होगा यदि वह किसी भी समय राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप देता है। अन्य मंत्रियों के कार्यकाल के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 58 (4) में कहा गया है कि यदि प्रधानमंत्री इस्तीफा दे देते हैं या अपने पद पर बने नहीं रहते हैं, तो प्रत्येक मंत्री को इस्तीफा दे दिया गया माना जाएगा।

शेख हसीना बहुमत से जीतीं थीं चुनाव 

बांग्लादेश में संसदीय चुनाव इसी साल 7 जनवरी को हुआ था। शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने 300 में से 224 सीटें जीती थीं। अवामी लीग की सहयोगी जतिया पार्टी ने 11, स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 61 सीटें जीतीं और बाकी सीटें अन्य पार्टियों के खाते में गई थीं।

नतीजों के बाद 11 जनवरी को नई कैबिनेट का गठन हुआ था। उस मंत्रीमंडल में प्रधानमंत्री सहित 37 सदस्य थे। बाद में प्रधानमंत्री सहित मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 44 हो गई। मंत्रिमंडल का गठन पांच साल के लिए किया जाता है। हालांकि, यह कैबिनेट लगभग 7 महीने बाद ही भंग कर दी गई है।

सदस्यों के नाम पर जल्द लगेगी मुहर

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने छात्रों की एक प्रमुख मांग को पूरा करते हुए मंगलवार देर रात मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया। उनके कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट से उबरने के लिए शेष सदस्यों के नाम पर भी जल्द ही मुहर लगनी चाहिए।

शेख हसीना और मोहम्मद यूनुस के बीच था विवाद 

यूनुस 2008 में उस वक्त मुसीबत में फंस गए जब प्रधानमन्त्री शेख हसीना के प्रशासन ने उनके खिलाफ जांच की एक श्रृंखला शुरू कर दी। यूनुस ने इससे पहले घोषणा की थी कि वह 2007 में एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। उस समय देश का कार्यभार सेना समर्थित सरकार संभाल रही थी । जांच के दौरान हसीना शासन ने यूनुस पर ग्रामीण बैंक की प्रमुख के तौर पर गरीब ग्रामीण महिलाओं से कर्ज वसूलने के लिए बल और अन्य साधनों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

 

Muhammad Yunus हालांकि Muhammad Yunus अपने ऊपर लगे आरोपों से मना करते रहे। हसीना की सरकार ने 2011 में बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की और यूनुस को सरकारी सेवानिवृत्ति नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया। उन पर 2013 में सरकार की अनुमति के बिना धन लेने के आरोप में मुकदमा चलाया गया। इस राशि में उनका नोबेल पुरस्कार और एक पुस्तक से मिलने वाली रॉयल्टी भी शामिल थी।

300 लोगों की हुई मौत

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के इस्तीफे के बाद पूरे देश में कई हफ़्तों तक जमकर हिंसा हुई। जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए। हसीना के इस्तीफे से पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई और उनके भाग जाने के बाद भीड़ बिना किसी विरोध के उनके आधिकारिक आवास में घुस गई।

 

ये भी पढ़ें:BANGLADESH में तख्तापलट : पिछले 24 घंटे में हुए घटनाक्रम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *