Petrol-Diesel in Budget : 25 से 30 रुपया सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल !

देश के लोगों को महंगाई से बड़ी राहत मिल सकती है. पेट्रोल और डीजल (petrol-diesel) 25 से 30 रुपये लीटर सस्ता हो सकता है. बजट (Budget) में ऊर्जा क्षेत्र को लेकर वित्त मंत्री की बैठक में पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) की कीमतों को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है.

बजट में petrol-diesel को GST के दायरे में ला सकती है सरकार !
Written By : संतोष कुमार | Updated on: July 5, 2024 12:04 pm

GST के दायरे में आ सकता है पेट्रोल-डीजल

मोदी 3.0 में सरकार ऊर्जा सेक्टर को लेकर बड़े फैसले ले सकती है. बजट में सरकार लोगों को महंगाई से बड़ी राहत दे सकती है. पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) को सरकार इस बजट में GST के दायरे में ला सकती है. पेट्रोल-डीजल यदि GST के दायरे में आता है तो इसकी कीमतों में 25 से 30 रुपये की कमी आएगी. पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) के दाम कम होने का सीधा मतलब है की महंगाई कम होगी.

वित्त मंत्री की ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ बैठक आज

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऊर्जा सेक्टर में सुधार के तरीकों पर चर्चा करने के लिए ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ आज 5 जुलाई को बैठक करने वाली हैं. वित्त मंत्री  ऊर्जा उद्योग में सुधार के तरीकों पर चर्चा करने के लिए शीर्ष ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगी.  ऊर्जा विशेषज्ञों से चर्चा के बाद मिले सुझाव को बजट में शामिल कर सकती हैं.

बैठक में पेट्रोल-डीजल को GST में लाने पर हो सकता मंथन

ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण डीजल और पेट्रोल (petrol-diesel) को GST सिस्टम में लाने पर विचार कर सकती हैं. GST के तहत, किसी भी उत्पाद के लिए अधिकतम टैक्स की दर 28% है. यदि पेट्रोल-डीजल पर GST लागू किया जाता है, तो इससे पेट्रोल और डीजल की कीमत में 25 से 30 रुपये प्रति लीटर की कमी आने की संभावना है.

ऊर्जा सेक्टर का निजीकरण है भविष्य

बैठक को लेकर ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार उपभोक्ताओं के लिए पेट्रोल की कीमतें कम करना चाहती है, तो उसे ऊर्जा उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने पर विचार करना चाहिए. कुछ सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने से इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को लाभ होगा. दूरसंचार उद्योग इसका एक बेहतरीन उदाहरण है, क्योंकि इसकी वजह से भारत में अब वैश्विक स्तर पर सबसे सस्ती मोबाइल सेवाएं उपलब्ध हैं.

मुश्किल होगा फैसला लेना

अगर सरकार पेट्रोलियम उद्योग का निजीकरण करना शुरू करती है, तो उसे विपक्ष और यहां तक कि चुनाव की तैयारी कर रहे अपने सहयोगियों से भी विरोध का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, केंद्र सरकार खुद राजनीतिक और आर्थिक कारणों के चलते पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने के पक्ष में नहीं जाएगी.

अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है पेट्रोल-डीजल पर टैक्स

अलग- अलग राज्यों में अलग अलग वेट वसूला जाता है. पेट्रोल डीजल (petrol-diesel) पर सबसे ज्यादा टैक्स राजस्थान में और मध्यप्रदेश में हैं.

राज्यों को हो सकता है नुकसान

पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) पर टैक्स राज्य सरकारों के राजस्व का बड़ा स्रोत है. अपने-अपने हिसाब से राज्य इस पर टैक्स लगाती है और राजस्व जमा करती है. पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाता है को पूरे देश में इसकी कीमत लगभग एक समान हो जाएगी, जिससे राज्यों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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