कर्नाटक के Cm Siddaramaiah को बुधवार को एक और झटका लगा है। बेंगलुरु स्पेशल कोर्ट ने सीएम के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े जमीन घोटाले के मामले में लोकायुक्त को जांच के आदेश दे दिए हैं। मंगलवार को हाईकोर्ट और राज्यपाल से सिद्धारमैया को झटका लग चुका है। एफआईआर में मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों का नाम दर्ज हैं। सीएम की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और प्रोफेसर रवि वर्मा पेश हुए, राज्यपाल की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और राज्य सरकार की ओर से मनिंदर सिंह, लक्ष्मी अयंगर, रंगनाथ रेड्डी पेश हुए।
यह है मामला
वर्ष 1992 में मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने केसारे गांव के किसानों की जमीन को अधिग्रहीत करके उसकी जगह रिहायशी इलाका बनाने के बारे में सोचा था। इसके बदले MUDA ने किसानों को खेती करने के लिए वैकल्पिक जमीन भी दी। उसके बाद 1998 में मैसूर अथॉरिटी ने फिर से किसानों को उनकी जमीन वापस कर दी। इसी बीच कांग्रेस के शासन के दौरान कुछ अधिकारियों ने पैसों के लालच में मुख्यमंत्री व उनके परिवार को धोखाधड़ी से जमीन दिलवा दी।
मुख्यमंत्री के खिलाफ कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई
सिद्धारमैया के खिलाफ राज्यपाल ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक संहिता(BNSS) 2023 की धारा 218 के तहत केस चलाने की अनुमति दे रखी है।
घोटाले का मामला किसने दर्ज कराया
5 जुलाई 2024 को कुरुबरा शांथकुमार ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर MUDA घोटाले के बारे में बताया था और इसमें मैसूर के कमिश्नर की संगलिप्तता के बारे में भी बताया था।
Cm Siddaramaiah और उनके परिवार पर क्या है आरोप
Cm Siddaramaiah का बयान
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह सब केंद्र में बैठी भाजपा सरकार द्वारा किया गया है। ताकि वे कर्नाटक में कांग्रेस सरकार गिराकर अपनी बना सके।
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