Deer Poaching : घटना राजस्थान की राजधानी जयपुर से 528 km दूर बाड़मेर के लीलसर गांव की है। जहां गांव के ही कुछ युवक पैसों के लालच में Deer Poaching कर रहे थे और हिरण के मांस को बड़े-बड़े होटलों में निर्यात कर रहे थे, इसके लिए इन्होंने बड़े-बड़े फ्रीजर भी रखे हुए थे जिसके जरिए वे मांस सप्लाई करते थे। यह काम वे करीब पिछले डेढ़ साल से कर रहे थे, ग्रामीणों ने जब इसकी सूचना वन विभाग और पुलिस को दी और धरना दिया, तब जाकर वन विभाग अभी तक करीब 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई और सभी को कोर्ट में पेश कर 17 अगस्त तक रिमांड पर लिया है।
वन विभाग में डीएफओ सविता दहिया ने बताया – जांच की जा रही है और जल्द ही सारे आरोपी उनकी गिरफ्त में होंगे। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वे होटल मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।
यह है मामला
घटना बाड़मेर शहर के लीलसर गांव की है, जहां दो धोरों की पाल (रेत के बड़े-बड़े टीले) हैं। जिसके पास कोई घर नहीं है, वहां 12 अगस्त की सुबह 4:00 बजे कुछ ग्रामीणों को 3 हिरण एक जगह और 4 दूसरी जगह बंधे मिले। एक हिरण के बाल, सींग और मांस भी मिला था, इसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग और चौहटन पुलिस को सूचना दी, लेकिन वे करीब 1 घंटे देरी से घटनास्थल पर पहुंचे और सारे शवो को पोस्टमार्टम करने के लिए ले जाने लगे। लेकिन ग्रामीणों ने अनुरोध किया कि इनका पोस्टमार्टम यही करा जाए।
आरोपियों ने नेटवर्क कैसे बनाया
आरोपियों में से एक अमराराम ने वन विभाग को पूछताछ में बताया कि शहर के कई बड़े होटलों में हिरण के मांस की डिमांड काफी ज्यादा थी, इसलिए उसने गांव के ही कुछ 8-10 लड़कों को पैसों का लालच देकर Deer Poaching के धंधे में शामिल कर लिया, और वे होटलो में यही मांस 200 रुपये किलो के हिसाब से बेचने लगे।
पकड़े गए 6 आरोपियों के नाम
आरोपियों के नाम इस प्रकार है – अमराराम, गुलाबाराम, बजरंगा निवासी उडासर गुड़ामालानी, आईदानराम, पूंजाराम, अंबाराम निवासी मांगता धोरीमत्ता
ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन
12 अगस्त की सुबह 4:00 बजे, जब से मामले का खुलासा हुआ तब से लीलसर गांव के वन प्रेमी और गांव के अन्य लोग धरना देने लगे। उनकी मांग है कि जल्द ही Deer Poaching के धंधे में लगे बाकी आरोपियों को पकड़ा जाए और होटल मालिकों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए। पूरे 2 दिन ग्रामीणों ने टेंट लगाकर धरना दिया और उसके बाद उपवन संरक्षक सविता दहिया, एसपी जस्साराम बॉस, गुड़ामलानी DSP सुखराम बिश्नोई, चौहटन डीएसपी कृतिका यादव के समझाने पर धरना खत्म किया और अपने-अपने घर गए।
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