यूपी के किसान कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए 2 जुलाई से करें आवेदन, ये है तरीका

यूपी के किसान (Farmers of UP) फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए दो जुलाई से 16 जुलाई की रात 12 बजे तक ऑनलाइन आवेदन आवेदन कर सकेंगे। 10 हजार से एक लाख तक अनुदान के यंत्रों के लिए 2500 और इससे अधिक के देय अनुदान के यंत्रों पर पांच हजार बुकिंग राशि रुपये होगी।

उत्तर प्रदेश के किसान (Farmers of UP) कले से कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए कर सकेगे आवेदन
Written By : टी. | Updated on: November 7, 2024 7:46 am

उत्तर प्रदेश की सरकार प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेज्ड्यू, (सी.आर.एम.) योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों (agricultural equipment) पर प्रदेश के किसानों (Farmers of UP) को अनुदान देने जा रही है। इसके तहत दो जुलाई से किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यह प्रक्रिया 16 जुलाई तक चलेगी।

16 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे किसान

प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेड्ज्यू (सी.आर.एम.) योजना के तहत यूपी के किसान (Farmers of UP) कृषि यंत्रों-सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एस.एम.एस), हैप्पी सीडर/स्मार्ट सीडर, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर/श्रेडर/मल्चर, श्रब मास्टर/रोटरी स्लैशर, सरफेस सीडर, हाइड्रोलिक रिवर्सिबल एम.बी. प्लाऊ, बेलिंग मशीन, स्ट्रा रेक, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, क्रॉप रीपर ट्रैक्टर माउंटेड/सेल्फ प्रोपेल्ड, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर कम बाइंडर एवं कस्टम हायरिंग सेंटर के आवेदन के लिए दो जुलाई को दोपहर 12 बजे से 16 जुलाई की रात्रि 12 बजे तक बुकिंग (apply for grant ) कर सकते हैं।

इस लिंक पर क्लिक कर करें आवेदन 

विभागीय दर्शन पोर्टल https://www.agriculture.up.gov.in पर “यंत्र पर अनुदान हेतु टोकन निकालें” लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आवेदन (Farmers of UP) के लिए बुकिंग किए जाने के लिए विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. प्राप्त होगा। आवेदक द्वारा एक मोबाइल नंबर से ही आवेदन किया जा सकेगा। इसके लिए अपना अथवा ब्लड रिलेशन सदस्यों के मोबाइल से ही आवेदन मान्य होगा, जिसकी सत्यापन के समय पुष्टि भी की जाएगी।

प्रदेश के किसानों को (Farmers of UP) फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों पर अधिकतम 50 फीसदी व कस्टम हायरिंग सेंटर पर अधिकतम 80 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त होगा। योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों तथा कस्टम हायरिंग सेंटर हेतु ग्रामीण उद्यमी एवं एफ.पी.ओ. लाभार्थी होंगे।

ई-लॉटरी की मिलेगी सूचना

ई-लॉटरी हेतु स्थल, तिथि एवं समय की जानकारी आवेदकों के मध्य संबंधित जनपदीय उप कृषि निदेशक द्वारा विभिन्न माध्यमों से सूचना दी जाएगी। निर्धारित समय के भीतर लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कार्यकारी समिति के समक्ष विभागीय पोर्टल पर ई-लॉटरी के माध्यम से ब्लॉकवार लक्ष्यों के सापेक्ष लाभार्थी का चयन किया जाएगा। ई-लॉटरी व्यवस्था में लक्ष्य के अनुरूप चयनित किए जाने वाले लाभार्थियों की संख्या के अतिरिक्त लक्ष्य का 50 प्रतिशत तक क्रम के अनुसार प्रतीक्षा सूची भी तैयार होगी। लक्ष्य की पूर्ति न होने पर ई-लॉटरी द्वारा तैयार प्रतीक्षा सूची के क्रम में लाभार्थी का चयन किया जाएगा।

आवेदन के समय ही ऑनलाइन जमा करनी होगी जमानत धनराशि

पोर्टल https://www.agriculture.up.gov.in पर “यंत्र पर अनुदान हेतु टोकन निकालें” लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के समय ही कृषक को यंत्रवार निर्धारित जमानत धनराशि ऑनलाइन जमा करनी होगी। लक्ष्य अवशेष न रहने पर एवं ई-लॉटरी में चयनित न होने वाले किसानों की जमानत धनराशि वापस कर दी जाएगी। दस हजार एक रुपये से लेकर एक लाख रुपये के कृषि यंत्रों के अनुदान के लिए जमानत धनराशि 2500 रुपये व एक लाख से अधिक अनुदान के कृषि यंत्रों के लिए जमानत धनराशि पांच हजार रुपये होगी। लाभार्थियों का चयन/बुकिंग टोकन कंफर्म होने की तिथि से कृषि यंत्र क्रय कर विभागीय पोर्टल पर क्रय रसीद यंत्रों की फोटो, सीरियल नंबर एवं संबंधित अभिलेख 30 दिन में अपलोड करना होगा। कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए 45 दिन का समय दिया जाएगा।

विभाग में सूचीचद्ध कृषि यंत्र निर्माताओं में से किसी से भी क्रय करने की स्वतंत्रता होगी। इन कंपनियों के upyantratracking.in पोर्टल पर अपलोड यंत्र का क्रय करने पर ही अनुदान अनुमन्य होगा। निर्धारित समय में यंत्र न खरीदने की स्थिति में आवेदन स्वतः निरस्त हो जाएगा। कृषि यंत्रों के खरीदने के लिए फर्मों को मूल्य का कम से कम 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान लाभार्थी के स्वयं के खाते से ही किए जाने पर ही अनुदान का भुगतान होगा।

ये भी पढ़ें :-जमीन पर कब्जे की शिकायत सुन बिफरे सीएम योगी, बोले- यह बर्दाश्त नहीं


	  	
    

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *