बक्सर जिले का पहला कोकोनट हैंडीक्राफ्ट उद्योग हुआ शुरू

बक्सर जिले में कोकोनट हैंडीक्राफ्ट का एक नया बाजार खड़ा हुआ है। अब महिलायें नारियल के रेशे व सेल से बने गहनों से भी सज- संवर सकती हैं। हमलोग नारियल के कप में चाय पी सकते हैं।

Written By : दिलीप ओझा | Updated on: November 23, 2024 9:43 pm

पूजा घर में नारियल से बने गणेश भगवान को स्थापित कर सकते हैं। चाबी रिंग, ईयर रिंग, लाकेट, मछली, कछुआ, फूलदान, दीया, डोलची सहित दर्जनों उपयोगी व सजावटी वस्तुएं बक्सर जिले के बड़कासिंहनपुरा गांव के प्रशिक्षित कलाकार बनाने लगे हैं। सरकारी प्रशिक्षण के समापन पर शनिवार को लगी कोकोनट हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शनी में इन वस्तुओं इतनी खरीदारी हुई कि सभी स्टाल खाली हो गये।

ट्रेनिंग से निकली स्वावलंबन की राह 

विकास परिषद- बड़कासिंहनपुरा की पहल पर भारत सरकार के कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय अंतर्गत नारियल विकास बोर्ड की ओर से गांव की 15 बेरोजगार महिलाओं को कोकोनट हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण दिया गया। हेड ट्रेनर राजेश कुमार ने अथक परिश्रम कर सभी बेरोजगारों को हुनरमंद बना डाला। नतीजा यह कि ट्रेनिंग की अवधि में ही ये कलाकार नारियल से आकर्षक और उपयोगी वस्तुयें बनाने लगे।

नारियल का रेशा गोल्ड, सेल ब्लैक डायमंड 

समापन सत्र को संबोधित करते हुए नारियल विकास बोर्ड के निदेशक राजीव भूषण प्रसाद ने कहा कि नारियल का रेशा गोल्ड जबकि सेल ब्लैक डायमंड है। इसका गरी सिल्वर और पानी अमृत है। नारियल का रेशा व सेल (कटोरी) हम फेंक देते हैं लेकिन इनसे उत्पाद बना हम पैसे कमा सकते हैं। सभी प्रशिक्षण लेने वालों को टूल किट (औजार), बैग और 1500 रुपये सरकार की तरफ से दिये गये हैं ताकि वे अपना काम शुरू कर सकें।

सब्सिडी पर मिलेगा नारियल का पौधा 

बोर्ड की तकनीकी अधिकारी विनिता कुमारी ने कहा कि बोर्ड 60 रुपये का नारियल का पौधा खरीदने पर 40 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। इस तरह से एक पौधा मात्र 20 रुपए का पड़ेगा। पौधा लगाने वाले किसान को देखभाल संबंधी जानकारी भी दी जाएगी। बोर्ड के अधिकारी अपनी देखरेख में खेती करायेंगे।

जिले का ऐतिहासिक कार्यक्रम

विकास परिषद के अध्यक्ष हेमचंद्र ओझा ने कहा कि बक्सर जिले का नारियल आधारित रोजी – रोजगार से जुड़ा यह पहला ऐतिहासिक कार्यक्रम है। उन्होंने घोषणा की कि परिषद की ओर से सभी एंटरप्रेन्योर को नारियल उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही मशीन भी उपलब्ध करायी जाएगी।

एफपीओ बना, होगा विस्तार

बक्सर फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के चेयरपर्सन सुरेश सिंह ने कहा कि सभी नारियल कलाकारों का एक समूह बना किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) का गठन किया जाएगा और इनके उत्पादों के जिले के हर गांव तक पहुंचाने की कोशिश होगी। उन्होंने जानकारी दी कि यह बक्सर जिले का नारियल आधारित पहला कोकोनट हैंडीक्राफ्ट उद्योग है। इसका विस्तार किया जायेगा। समाजसेवी प्रमिला ओझा ने कहा कि इस प्रशिक्षण से नकारात्मकता पर सकारात्मकता की जीत हुई है। आपलोगों को न झुकना है, न टूटना है, न रूकना है, न किसी की सुनना है, सिर्फ आगे बढ़ना है। पूर्व मुखिया डाक्टर सरोज ओझा ने कहा कि यह कार्यक्रम बेरोजगारों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

परिषद के सचिव रामाशंकर ओझा ने कहा कि बक्सर में 108 कुंडीय गायत्री यज्ञ चार मार्च 2025 से शुरू होगा। इसमें नारियल से बनी वस्तुओं का विशेष स्टाल लगाया जाएगा। मास्टर ट्रेनर राजेश कुमार की जादुई कला की सबने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। तीन सदस्यीय ज्यूरी (प्रमिला ओझा, विनिता कुमारी व डाक्टर सरोज ओझा) ने चार सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों का चयन किया। प्रथम पुरस्कार पूनम कुमारी ओझा, द्वितीय पुरस्कार मेघा कुमारी, तृतीय पुरस्कार रीना कुमारी व चौथा पुरस्कार डाली कुमारी को दिया गया। मौके पर सभी प्रतिभागियों को भारत सरकार के नारियल विकास बोर्ड की ओर से सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। मंच का संचालन एमएसएमई के समन्वयक अंकेश कुमार ने किया। प्रदर्शनी को देखने और खरीदारी करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

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