नालंदा जिले के हिलसा, कराईपरसुराय और एकंगरसराय में उडेरा नदी के किनारे बसे गांव जलमग्न हो गए हैं। उधर, गया जिले के डोभी क्षेत्र में 24 घंटों में 82.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जिससे फल्गु नदी का जलस्तर 97,763 क्यूसेक तक पहुंच गया है। ये आंकड़े सीधे बिहार में बाढ़ की गंभीर स्थिति को दर्शाते हैं।
पटना में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। गंगा नदी के दीघा घाट और गांधी घाट पर जलस्तर क्रमशः 52.52 मीटर और 50.52 मीटर तक पहुंच चुका है। जल संसाधन विभाग ने तटबंधों की निगरानी तेज कर दी है और नियंत्रण कक्ष (Control Room) को सक्रिय कर दिया गया है।
बिहार में बाढ़ प्रभावित जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में नावों से लोगों को निकालने का कार्य तेजी से जारी है। मुख्यमंत्री द्वारा राहत सामग्री और पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
वर्तमान में नालंदा, गया, पटना, वैशाली और सारण जैसे जिलों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। बिहार में बाढ़ जैसे हालात के बीच ग्रामीण इलाकों में संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। कई जगहों पर सड़कें टूट गई हैं और मोबाइल नेटवर्क बाधित हो गया है, जिससे बचाव कार्य में भी दिक्कतें आ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल टीमें भेजी हैं और जल जनित बीमारियों को रोकने के लिए दवाइयों का वितरण शुरू कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि लोग अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर विश्वास करें।
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