GUDRI, MEERUT: उत्तर प्रदेश (UP) की राजधानी Lucknow से करीब 400 km की दूरी पर स्थित GUDRI BAZAAR इलाके में 2008 में हुए TRIPLE MURDER CASE में सोमवार को आरोपी इजलाल कुरैशी और शीबा सिरोही समेत 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जस्टिस पवन कुमार शुक्ला ने फैसला देते हुए कहा कि यह सबसे घृणित कार्य इन लोगो ने किया है और यह इंसान नहीं जानवर कहलाने के लायक भी नहीं है। इन लोगों को समाज में लौटने का कोई हक नहीं है। जानें मामला किया है।
ये है मामला
बात 2005 की है जब शीबा दुबई से लौटकर वापस अपने गांव ( Meerut) आ गई थी और यही रहने लगी। शीबा कोई साधारण लड़की नहीं थी , वह लग्जरी गाड़ी, बड़ा घर और हमेशा चकाचौंध वाली जिंदगी जीना चाहती थी। एक दिन उसकी यह हसरत पूरी हो गई ,जब पशिचम यूपी के टॉप -5 मीट कारोबारी में एक इजलाल कुरैशी से उसका अफेयर हो गया। दोनों एक दूसरे बहुत चाहते थे , और शीबा को जो लग्जरी लाइफ जीनी थी वह भी उसे मिल गई । इसी तरह सुनील ढाका नाम का एक युवक भी शीबा के प्यार के जाल में फंस गया था ,लेकिन शीबा इजलाल से प्यार करती थी सुनील से नहीं। ऐसा करते -करते एक दिन शीबा ने सारी बात इजलाल को बता दी लेकिन दुर्भाग्यवश सुनील इजलाल को दोस्त था और इसी का फायदा उठाते हुए एक दिन उसने सुनील और उसके दो दोस्त पुनीत गिरी और सुधीर उज्जवल को भी बुला लिया । सबसे पहले तो दोनों के बीच कहासुनी होने लगी उसके बाद इजलाल ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उनके साथ मारपीट की , तीनों की आँखे फोड़ दी और उसके बाद तीनों की लाशों को तलवार से काटकर टुकड़े-टुकड़े कर दिए। पूरे घर में इतना खून -खून हो गया था कि पड़ोसियो को भी इस वारदात की जानकारी हो गई , लेकिन कोई कुछ नहीं बोला । इजलाल ने सुबह होते ही आनन- फानन में कई गाड़ियां मंगवाई रंग और सभी लाशे टुकड़ो में उस गाड़ी में रखवा दी ताकि इन्हें बागपत बॉर्डर पर हिंडन नदी होते हुए जाते समय कहीं फेंक सके । लेकिन उसकी यह तमन्ना पूरी नहीं हो सकी और गाड़ी वहीं छोड़कर जाना पड़ा।
आरोपियो के नाम
GUDRI के इस चर्चित हत्याकाडं में शामिल आरोपियो के नाम है- मुख्य आरोपी इजलाल कुरैशी और उसकी प्रेमिका शीबा सिरोही, देवेंद्र आहूजा, अफजाल,वसीम, रिजवान, महाराज, इजहार और अब्दुल रहमान उर्फ कलुवा हैं। इन सभी ने इस दिल – दहलाने वाले हत्याकांड को अंजाम दिया था।
पीड़ित परिवार में मायूसी
जैसे ही यह फैसला आया पीड़ित परिवार के आंसू रूकने का नाम ही नहीं ले रहे थे वे खुश थे कि आरोपियो को उनके किए की सजा मिली , लेकिन एक मायूसी रह गई -वे चाहते थे कि आरोपियो को फाँसी की सजा मिले जिससे कोई ओर इस तरह के हत्याकांड को दोहराने का सोचे भी ना ।
यह भी पढ़ें:-
Updated Patna Crime : बिहार की राजधानी पटना में 24 घंटे में हत्या समेत दो बड़ी वारदात