उसकी हत्या ईरान की राजधानी तेहरान में एक अपार्टमेंट में की गई है। हानिया (Ismail Haniyeh) के साथ उसका अंगरक्षक भी मारा गया है। हानिया (Ismail Haniyeh) दशकों से इजरायल की हिट लिस्ट में शामिल था। उसकी मौत को 7 अक्टूबर के हमले का बदला माना जा रहा है। इस बीच पिछले 24 घंटों में इजराइल के दो बड़े दुश्मनों को मारा गया है।
कौन था इस्माइल हानिया ?
इस्माइल हनीया(Ismail Haniyeh) का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के अल-शती शरणार्थी शिविर में हुआ था। वह एक फिलिस्तीनी नेता था। इस्माइल ने 2006 से लेकर 2007 में फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। हानिया (Ismail Haniyeh) ने गाजा पट्टी (2007-14) में वास्तविक सरकार के नेता के रूप में काम किया था। 2017 में उन्हें खालिद मेशाल की जगह हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख के रूप में चुना गया था। हमास की लीडरशिप मिलने के बाद हानिया ने दिसंबर 2019 में गाजा पट्टी छोड़ दी थी। उसकी देखरेख में ही हमास(Hamas) ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर मिसाइलें दागी थीं। अब तक किसी ने भी हानिया की हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली।
इजराइल(Israel) ने लिया बदला
बता दें कि पिछले 24 घंटों में इजराइल के दो बड़े दुश्मनों का खात्मा हुआ है। इजराइली सेना का कहना है कि उसने मजदल शम्स में हुए हमले का बदला लेते हुए बेरूत में हिजबुल्लाह के कमांडर फुआद शुकर को ढेर कर दिया है।
हमास में कब शामिल हुआ था हानिया?
इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) साल 1987 में हमास(Hamas) से जुड़ा था। वह साल 2017 से हमास का चीफ पॉलिटिकल लीडर बना। हमास में फैसला लेने वाली सबसे बड़ी इकाई शूरा परिषद ने साल 2021 में उसे 4 साल के लिए दोबारा चुना था। संगठन में उसका कद इतना बड़ा था कि उसे चुनौती देने वाला कोई भी नहीं था, यही वजह है उसे निर्विरोध चुन लिया गया।
परमाणु हमले की धमकी देते रहता है ईरान
ईरान वो मुल्क है जो पश्चिमी देशों को परमाणु की धमकी देता रहता है। वो अमेरिका और उसके दोस्त इजराइल को आंख दिखाता है। हूती, हमास और हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों को वो शह देता है। वो सीधे ना तो इजराइल से जंग लड़ रहा और ना ही अमेरिका से।
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