Hezbollah का रहस्य बंकर: इजरायल ने खोजा 50 करोड़ डॉलर का सोना!

इजरायल ने हिजबुल्लाह के सीक्रेट बंकर का खुलासा किया है, जिसमें अरबों डॉलर का सोना और नकद रखा होने का दावा किया गया है। यह बंकर बेरूत के अल साहेल अस्पताल के नीचे स्थित है, लेकिन अमेरिका ने इस पर संदेह व्यक्त किया है। जानें, क्या सच में हिजबुल्लाह के पास इतना खजाना है, या यह इजरायल की एक नई रणनीति है।

Israel Hezbollah War: जिस बंकर में बेशकीमती खजाना? IDF का दावा |
Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: October 28, 2024 11:49 pm

इजरायली सेना, आईडीएफ, ने हिजबुल्लाह (Hezbollah) के एक कथित बंकर का बड़ा खुलासा किया है, जिसमें 50 करोड़ डॉलर से अधिक का सोना और नकद रखे जाने का दावा किया गया है। यह बंकर दक्षिण बेरूत के अल साहेल अस्पताल के नीचे स्थित है और इसे हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह का ठिकाना बताया जा रहा है। आईडीएफ के अनुसार, यह बंकर अरबों डॉलर के सोने और नकद से भरा हुआ है, जिसका उपयोग हिजबुल्लाह इजरायल पर हमलों के लिए कर रहा था।

बंकर पर इजरायली वायु सेना का हमला

आईडीएफ के प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि इजरायली वायु सेना ने इस बंकर पर सटीक हमले किए। हगारी ने जानकारी दी कि बंकर में रखी गई राशि का उपयोग लेबनान के पुनर्निर्माण के लिए भी किया जा सकता था। उन्होंने नक्शे के जरिए दिखाया कि बंकर अल साहेल अस्पताल के ठीक नीचे है, जो हिजबुल्लाह (Hezbollah) के वित्तीय संचालन का मुख्य केंद्र है।

अमेरिका का संदेह

हालांकि, इस दावे पर संदेह भी उठाए जा रहे हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस बंकर के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। उनके अनुसार, पेंटागन ने अल साहेल अस्पताल के नीचे हिजबुल्लाह के बंकर होने का कोई प्रमाण नहीं पाया है। अमेरिका और इजरायल इस मामले में सहयोग करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है।

अस्पताल में आपातकाल

अल साहेल अस्पताल के निदेशक, फादी फखरी अलामे, ने इजरायल के दावों को बेबुनियाद बताया और कहा कि यह लेबनान पर हमले का एक बहाना है। अस्पताल में आपातकाल की स्थिति घोषित की गई है, और इजरायली सेना की चेतावनी के बाद सभी कर्मचारी और मरीज अस्पताल छोड़ चुके हैं।

भविष्य की स्थिति

इस बीच, इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने हमलों को तेज कर दिया है, जिसका उद्देश्य इस समूह की फंडिंग क्षमताओं को कमजोर करना है। ऐसे में यह देखना होगा कि क्या इजरायल के इस दावे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी या यह केवल एक प्रचार का हिस्सा होगा।

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