डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) की विजय भले ही भारत को अपने अनुकूल लग रही हो लेकिन आगे आने वाले समय में इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।
डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से भारत कमोबेश प्रसन्न दिख रहा है। ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा एक दूसरे के प्रति सम्मान और मित्रता की भावना को प्रदर्शित किया है। साथ ही, कमला हैरिस के कश्मीर मुद्दे और बांग्लादेश में हिन्दुओं के प्रति हुए अत्याचार को लेकर दर्शाए गए रुख के बाद से भारत में उनके प्रति एक नकारात्मक छवि बन चुकी थी। ट्रम्प की विजय भले ही भारत को अपने अनुकूल लग रही हो लेकिन कुल मिलाकर आगे आने वाले कुछ समय में इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।
निर्यात और टैरिफ जैसे कुछ मुद्दों पर पहले से ही Donald Trump का रुख भारत का खिलाफ रहा है जिसका स्वाद भारत ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान चख चुका है। ट्रम्प पहले ही भारत को टैरिफ किंग यानी अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैक्स लगाने वाला देश बता चुके हैं। इस बार भी अपने चुनाव प्रचार के दौर ट्रम्प ने कहा था कि भारत आयात शुल्क के मामले में बहुत सख्त है और उनकी सरकार बनने की स्थिति में वह भारत पर टैरिफ शुल्क कम करने का दबाव बनाएंगे।अगर ट्रम्प भी भारतीय वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने जैसा कदम उठाएंगे तो जाहिर है इसका असर भारत के निर्यात पर पड़ेगा।
एक दूसरा बहुत अहम मुद्दा अमेरिका में नौकरी के लिए एच1बी वीजा से संबंधित नियम हैं जिसमें Donald Trump ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान बदलाव किए थे और प्रवासी कामगारों पर कई शर्तें लगा दी थीं। ट्रम्प पहले ही एच1बी वीजा को अमेरिकी कार्य बल के लिए नुकसानदायक बता चुके हैं और इस बार अगर वे ऐसे और नियम और शर्तें लागू करते हैं तो इसका सबसे अधिक असर भारत के आईटी सेक्टर पर पड़ेगा। इसी से जुड़ा एक और मुद्दा ग्रीन कार्ड का आवंटन है। एच1बी वीजा पर अमेरिका में काम करने वाले कई भारतीयों का आवंटन दशकों से लंबित है और ट्रम्प के पिछले रुख को देखते हुए इस समस्या के और बढ़ने की ही आशंका है। बताया जाता है कि ट्रम्प के प्रस्तावित निर्णयों में एक अमेरिका में जन्म के साथ ही बच्चों को मिलने वाली नागरिकता को खत्म करना है। इस फैसले से भी भारतीयों पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
इसके अतिरिक्त, भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका और पश्चिमी देशों के लाख विरोध के बावजूद रूस से कच्चे तेल का आयात जारी रखा है। Donald Trump के प्रतिशोधपूर्ण रवैये को देखते हुए भारत को इस मोर्चें पर भी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। कनाडा के साथ भारत के बढ़ते मतभेद को लेकर भी अमेरिका के रुख पर ट्रम्प की प्रतिक्रिया पर भारत की नजर रहेगी।
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