भारत और चीन के बीच एलएसी पर गतिरोध खत्म होने के बाद शुक्रवार से दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट से पीछे हटनी शुरू हो गई है। दोनों सेनाएं धीरे-धीरे अपने अस्थाई टेंट, शेड, गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण पीछे लेकर जा रही है। आर्मी ने बताया है कि- 28- 29 अक्टूबर तक दोनों देश पूरे क्षेत्र से अपनी सेनाएं हटा लेंगे।
India China Army अब तक किन-किन क्षेत्रों से हट चुकी है
दोनों देशों अब किन-किन पेट्रोलिंग पॉइंट पर गशत के लिए जा सकेंगे
India China Army अब गशत के लिए देपसांग के पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11-A, 12 और 13 तक जाने पर सहमति बन गई है।
भारत और चीन के बीच समझौता किस प्रकार हुआ
15 जून 2020 से अब तक लगभग चार साल में दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल की 17 बैठकें हो चुकी थी। इसी साल 29 अगस्त को भारत और चीन के बीच बीजिंग में सीमा मामले को लेकर बैठक हुई थी। इसके बाद इस समझौते पर आखिरी किल बुधवार को लगी जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दो साल बाद मुलाकात हुई। इस बैठक के बाद एलएसी से दोनों सेनाएं पीछे हटना शुरू हो गई है।
दोनों देशों के बीच समझौता किस चीज के लिए हुआ
वर्ष 2020 में कोरोना लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया घरों में कैद थी। भारत में भी मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक लॉकडाउन लगा हुआ था। इसी बीच 5 मई को चीनी सैनिकों ने लद्दाख के पैंगोंग झील से भारतीय सीमा में घुसपैठ कर दी। इसके बाद 15 जून को गलवान में दोनों तरफ के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई। इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए और चीन के करीब 45 सैनिक। उसके बाद दोनों देश एलएसी पर आमने-सामने आ गए, जिसके बाद से यह गतिरोध बना हुआ था। पिछले चार सालों में कई बैठकों के बाद यह समझौता हुआ है।
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