आठ साल बाद भारत ने एक बार फिर एशिया कप अपने नाम किया है। इससे पहले भारत ने 2017 में यह खिताब जीता था। फाइनल मुकाबले में भारत की ओर से दिलप्रीत सिंह ने दो गोल दागे, जबकि सुखजीत सिंह और अमित रोहिदास ने एक-एक गोल किया। कोरिया की टीम ने आखिरी क्वार्टर में एकमात्र गोल किया, लेकिन तब तक भारत ने बढ़त मजबूत कर ली थी।
भारत की यह चौथी एशिया कप हॉकी जीत है। खिताबी मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने शुरू से ही आक्रामक खेल दिखाया और पहले हाफ में ही बढ़त हासिल कर ली। दिलप्रीत ने अपने शानदार स्टिक वर्क से दर्शकों को रोमांचित किया, वहीं डिफेंडर अमित रोहिदास ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर टीम की स्थिति और मजबूत कर दी।
कोरिया की टीम ने तीसरे और चौथे क्वार्टर में वापसी की कोशिश की, लेकिन भारतीय डिफेंस और गोलकीपर ने उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिए। अंततः भारत ने 4-1 से जीत दर्ज कर आठ साल का इंतजार खत्म किया और ट्रॉफी उठाई।
इस जीत के साथ ही भारत ने एशिया में अपनी बादशाहत फिर से साबित कर दी है। हॉकी प्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों ने टीम के प्रदर्शन को सराहा और उम्मीद जताई कि यह फॉर्म अगले साल होने वाले विश्व कप तक कायम रहेगा।
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